Amazon, Flipkart पर बरसे गोयल, कहा- ई-कॉमर्स कंपनियों ने कानूनों की खुलेआम उड़ाईं धज्जियां
नई दिल्ली : सी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ी ही सख्त टिप्पणी की है, उन्होंने अमेरिका की इन दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों पर लूट मचाने वाली कीमतों में लिप्त होकर भारतीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. पीयूष गोयल ने कहा कि इन कंपनियों ने अपनी पहुंच और आकार का फायदा उठाया है. इन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से कई भारत में आ गई हैं, और उन्होंने एक से ज्यादा तरीकों से देश के कानूनों की बहुत खुलेआम धज्जियां उड़ाई हैं. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने इन बड़ी दिग्गज कंपनियों खासतौर पर अमेरिकी कंपनियों के साथ कई बार बातचीत की है, और मैं उनके अंदर एक घमंड को देख सकता हूं. Amazon, Flipkart पर निशाना! ये सारी बातें पीयूष गोयल ने Stanford India Policy and Economics Club की ओर से आयोजित एक वर्चुअल इवेंट में कही हैं, हालांकि उन्होंने इस दौरान Amazon, Walmart या फिर Flipkart का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया. उन्होंने ये भी नहीं साफ किया कि किन नियमों का उल्लंघन किया गया है. लेकिन उनका ये बयान छोटे कारोबारियों के बीच बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से मची उथल-पुथल के बीच आया है, जो अमेरिकी कंपनियों पर उपभोक्ता सुरक्षा कानूनों और कंपटीशन कानूनों को दरकिनार करने का आरोप लगाते आए हैं. पीयूष गोयल की इस गंभीर टिप्पणी को लेकर Amazon और Flipkart की ओर से अबतक कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि छोटे कारोबारियों के आरोपों को ये दोनों कंपनियां कई बार नकार चुकी हैं. पीयूष गोयल ने CCI की जांच को लेकर भी इन कंपनियों पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर इन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और अपना कारोबार ईमानदारी से कर रही हैं तो वो CCI को जवाब क्यों नहीं देते. CAIT ने लिखी थी PM मोदी को चिट्ठी वाणिज्य मंत्री की ये सारी बातें ऐसे वक्त में आ रही हैं, जब कुछ दिन पहले ही ई-कॉमर्स रेगुलेशन को लेकर नए नियमों का ऐलान हुआ था. इन नए नियमों से माना जा रहा है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को अपने बिजनेस स्ट्रक्चर में बदलाव करने पर मजबूर होना पड़ सकता है. व्यापारियों के संगठन CAIT ने भी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां भारत को ‘बनाना रिपब्लिक’ की तरह इस्तेमाल कर रही हैं. CAIT ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित करे कि ई-कॉमर्स कंपनियों की लॉबिंग के बावजूद नए ई-कॉमर्स नियम कमजोर न पड़ने पाएं.