भूपेश बघेल ने कहा सरकारी व निजी संस्थाओं की मदद से गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाएं
कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के राज्य सरकार ने जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टरों को अलर्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री श भूपेश बघेल ने सभी जिले के कलेक्टरों से कहा है कि पहली और दूसरी लहर के दौरान उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रायपुर से लेकर ग्रामीण अंचल तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर काम करें। सभी ब्लाक मुख्यालयों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सरकारी अस्पतालों को सुविधाएं देने के लिए उन्होंने कलेक्टरों से कार्ययोजना मांगी है।
उन्होंने सभी से यह भी कहा है कि सरकारी सुविधाएं जुटाने के लिए निजी क्षेत्र की मदद लें। बीते दिनों में राज्य सरकार ने कोरोना के दौर में स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस तो किया है लेकिन अभी भी छोटे जिला मुख्यालयों एवं विकासखण्ड मुख्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता चुनौती बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और मजबूती प्रदान करने निजी क्षेत्र का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हो सके, इसके लिए सभी शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के निर्माण में निजी क्षेत्र का सहयोग भी लिया जाएगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए निजी क्षेत्रों को राज्य सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा। यह अनुदान राज्य सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र के उद्योगों को दिए जा रहे अनुदान के तहत होगा।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए उद्योग विभाग को आगामी 10 दिनों में इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।छत्तीसगढ़ में सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने के लिए भी राज्य सरकार निजी क्षेत्र की क्षमताओं का इस्तेमाल करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने 22 जून को मुख्य सचिव को नवा रायपुर में 25 एकड़ भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि वहां किसी ख्यातिप्राप्त अस्पताल की स्थापना की जा सके। इस अस्पताल में राज्य शासन की योजनाओं के तहत इलाज हो सकेगा।
मुख्यमंत्री बघेल की मंशा है कि भविष्य में नवा रायपुर में स्थापित होने वाला अस्पताल 1500 बिस्तरों वाला सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल होना चाहिए, जहां मल्टी आर्गन ट्रांसप्लांट सहित सभी प्रकार की सुविधाएं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के चलते बच्चों की चिकित्सा की विशेष व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे। उन्होंने मुख्यसचिव को अस्पतालों में अतिरिक्त मानव संसाधन, ऑक्सीजन बेड एवं सिलेंडर, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
5 माह में 16 जिला अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट
कोविड-19 संक्रमित मरीजों सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित आवश्यकता वाले मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति के लिए बीते पांच महीनों में लगभग चार गुना इजाफा हुआ है। राज्य के 16 जिला चिकित्सालयों में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए है। आक्सीजन प्लांट अब 22 जिला चिकित्सालयों में लग चुके है, शेष जिला चिकित्सालयों में इनकी स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
दिसंबर 2020 में की स्थिति में राज्य के सभी 28 जिला चिकित्सालयों में आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की संख्या 1061 थी, जो आज की स्थिति में 3917 हो गई है। इसी तरह छोटे आक्सीजन सिलेंडर की संख्या 2499 से बढ़कर 5362, जम्बो जेड सिलेंडर की संख्या 2704 से बढ़कर 9382, आक्सीजन प्लांट की संख्या 6 से बढ़कर 22, वेंटिलेटर की संख्या 280 से बढ़कर 723 तथा पैरा मॉनीटर की संख्या 624 से बढ़कर 1142 हो गई है।