राष्ट्रव्यापी फसल बीमा सप्ताह का हुआ शुभारंभ “आजादी का अमृत महोत्सव”
ग्वालियर | 02-जुलाई-2021
“आजादी के अमृत महोत्सव” के उपलक्ष्य में एक से सात जुलाई तक राष्ट्रव्यापी फसल बीमा सप्ताह मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार कर किसानों को इससे जोड़ने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया है। गुरूवार को वर्चुअल रूप से इस सप्ताह के शुभारंभ कार्यक्रम में ग्वालियर से केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर वर्चुअल रूप से शामिल हुए। साथ ही कहा किसान इस योजना का लाभ लेने में पीछे न रहें।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं की अनिश्चितताओं से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और किसानों की कड़ी मेहनत को सुरक्षित करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रमुख है। इस योजना के तहत प्रतिवर्ष औसतन साढ़े पाँच करोड़ किसानों द्वारा आवेदन किए जाते हैं जो अपने आप में इस योजना की सफलता का साक्षात प्रमाण है। यह योजना स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना और विश्व स्तर पर प्रीमियम राशि के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। उन्होंने कहा देशभर में किसानों को बीमा दावा राशि भुगतान के रूप में एक लाख करोड़ रूपए के ऐतिहासिक आंकड़े तक यह योजना पहुँच गई है।
श्री तोमर ने कहा पूरे फसल चक्र के साथ-साथ फसल कटाई के बाद जोखिमों के कारण उपज नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम दर को अत्यंत कम और पूरे देश के लिये एक सामान रखा गया है। खरीफ-2021 की सीजन की शुरूआत के साथ यह महत्वपूर्ण योजना अपने छठे वर्ष में प्रवेश कर रही है।
सप्ताहभर चलने वाले अभियान को सभी अधिसूचित जिलों में चलाया जाएगा। साथ ही 75 चयनित आकांक्षीय जनजाति जिलों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिससे पूरे देश में फसल बीमा की पहुँच हो। ऑन ग्राउण्ड और डिजिटल पहल के माध्यम से योजना के तहत किसानों के घर-घर पहुँचने का प्रयास किया जाएगा। अभियान के तहत मूल बातें बताई जायेंगीं, जिसमें नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस प्रोग्राम एनसीआईपी पोर्टल, सीएचसी सेंटर, बीमा कंपनियां, बैंक आदि के साथ योजनाओं के तहत नामांकन करने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। साथ ही फसल नुकसान की सूचना कैसे दर्ज करें, यह भी समझाया जायेगा।
इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री कैलाश चौधरी, विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री, केन्द्रीय कृषि सचिव, राज्यों के प्रमुख सचिव, कलेक्टर व अन्य अधिकारी शामिल हुए।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं की अनिश्चितताओं से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और किसानों की कड़ी मेहनत को सुरक्षित करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रमुख है। इस योजना के तहत प्रतिवर्ष औसतन साढ़े पाँच करोड़ किसानों द्वारा आवेदन किए जाते हैं जो अपने आप में इस योजना की सफलता का साक्षात प्रमाण है। यह योजना स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना और विश्व स्तर पर प्रीमियम राशि के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। उन्होंने कहा देशभर में किसानों को बीमा दावा राशि भुगतान के रूप में एक लाख करोड़ रूपए के ऐतिहासिक आंकड़े तक यह योजना पहुँच गई है।
श्री तोमर ने कहा पूरे फसल चक्र के साथ-साथ फसल कटाई के बाद जोखिमों के कारण उपज नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम दर को अत्यंत कम और पूरे देश के लिये एक सामान रखा गया है। खरीफ-2021 की सीजन की शुरूआत के साथ यह महत्वपूर्ण योजना अपने छठे वर्ष में प्रवेश कर रही है।
सप्ताहभर चलने वाले अभियान को सभी अधिसूचित जिलों में चलाया जाएगा। साथ ही 75 चयनित आकांक्षीय जनजाति जिलों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिससे पूरे देश में फसल बीमा की पहुँच हो। ऑन ग्राउण्ड और डिजिटल पहल के माध्यम से योजना के तहत किसानों के घर-घर पहुँचने का प्रयास किया जाएगा। अभियान के तहत मूल बातें बताई जायेंगीं, जिसमें नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस प्रोग्राम एनसीआईपी पोर्टल, सीएचसी सेंटर, बीमा कंपनियां, बैंक आदि के साथ योजनाओं के तहत नामांकन करने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। साथ ही फसल नुकसान की सूचना कैसे दर्ज करें, यह भी समझाया जायेगा।
इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री कैलाश चौधरी, विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री, केन्द्रीय कृषि सचिव, राज्यों के प्रमुख सचिव, कलेक्टर व अन्य अधिकारी शामिल हुए।