उत्तराखंड: वन मंत्री हरक सिंह रावत बोले, पौधे लगाना ही नहीं उन्हें बचाना भी है जरूरी

देहरादून। वन को बचाने के लिए पौधे लगाना जरूरी है, लेकिन पौधों को बचाए बिना वन का संरक्षण संभव नहीं। बरसात में पौधारोपण कर अपनी जिम्मेदारी समाप्त नहीं समझी जा सकती। बल्कि ये पौधे भविष्य में पेड़ बनें तब तक इनका ख्याल रखा जाए। यह बातें वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने दून में वन महोत्सव के शुरुआत पर कीं। उन्होंने बड़ोवाला में पौधा रोपने के बाद क्षेत्रवासियों से भी संवाद किया।
गुरुवार को देहरादून वन प्रभाग की आशारोड़ी रेंज के तहत आरकेडिया ग्रांट में वन मंत्री ने बड़ का पौधा रोपा। वन विभाग ने पीपल, बड़, पीलखन, कपूर, बेलपत्री, कंजू, नीम, शीशम, जामुन, रुद्राक्ष आदि के 350 पौधे रोपे। वन मंत्री ने वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आगे आने व वृहद स्तर पर पौधारोपण करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी में आक्सीजन का महत्व समझ में आया है। हमें एक मिशन के तौर पर अधिक से अधिक पौधों का रोपण करना होगा। उन्होंने ‘आओ मिलकर वृक्ष लगाएं, अपना वातावरण स्वच्छ बनाएं’ स्लोगन भी दिया
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने वन विभाग के पौधारोपण अभियान की जानकारी दी। बताया गया कि उत्तराखंड वन विभाग, विभागीय पौधारोपण के साथ वन महोत्सव, हरेला एवं अन्य कार्यक्रम के माध्यम से जनता के साथ मिलकर विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण कराएगा। इस अवसर पर वन निगम के प्रबंध निदेशक डीके शर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त अखिलेश तिवारी, वन संरक्षक यमुना वृत्त अमित वर्मा, डीसीएफ पंकज कुमार, डीएफओ राजीव धीमान, एसडीओ लाखन पंवार वनक्षेत्राधिकारी डा. उदय गौड़, जितेंद्र गुसाईं आदि ने भी पौधे रोपे