चौथे दिन नर्सों की हड़ताल ने पकड़ा जोर:एनएचएम के साथ अब राधा स्वामी सेंटर की नर्सें भी समर्थन में, सभी आज मुख्यमंत्री को वॉरियर्स सम्मान लौटाएंगी

अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सों की चल रही प्रदेशव्यापी हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। इंदौर में शनिवार को हड़़ताल ने जोर पकड़ लिया। एमवाय अस्पताल पर रोज चल रहे प्रदर्शन में जहां नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की नर्सें भी शामिल हैं, शुक्रवार राधा स्वामी सेंटर सहित अन्य अस्पतालों की 150 से ज्यादा नर्से भी हड़ताल के समर्थन में आगे आ गई। खास बात यह कि करीब दो महीने पहले विभाग ने जिन 150 से ज्यादा स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां की हैं, उनमें से भी अधिकांश ने हड़ताल को समर्थन दिया और प्रदर्शन में शामिल हुई। प्रदर्शन में नर्सों ने कोरोना वॉरियर्स सम्मान को लहरा-लहराकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि आज दोपहर को वे पीसी सेठी अस्पताल में ये अवार्ड मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को वापस लौटाएंगी। इस बीच एसीएस ने 5 जुलाई को नर्सिंग एसोसिशन को चर्चा के लिए भोपाल बुलाया है।

सुबह 11 बजे करीब पांच सौ की संख्या में नर्सों का समूह एमवाय अस्पताल के गेट पर पहुंचा और जमकर नारेबाजी की। स्थाई स्टाफ नर्सों का एक बड़ा समूह अभी भी अपनी मांगों पर अडिग है। उनकी मांग है कि हमें भी अन्य प्रदेशों की तरह दूसरी ग्रेड दी जाए। पुरानी उच्च स्तरीय पेंशन योजना लागू की जाए तथा कोरोना काल में जिन नर्सों की मौत हुई है उनके परिजनों को 50 लाख रु. की राशि दी जाए तथा उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए जबकि दूसरा गुट अस्पताल में काम कर रहा है। दूसरी ओर एनएचएम की अस्थाई 230 नर्सें नौकरी से निकाले जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। अब इनकी मांग है कि हमें स्थाई या संविदा नियुक्ति दी जाए क्योंकि हमने कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर काम किया और कई साथियों को खोया है।
इस बीच राधा स्वामी सेंटर से जुड़ी एनएचएम की नर्सें भी हड़ताल में शामिल हुई और स्थाई नियुक्ति की मांग की है। हालांकि अभी सेंटर में ज्यादा मरीज नहीं है क्योंकि संक्रमण भी कम है और अधिकांश होमआइसोलेट हैं। फिर भी अगर मरीज बढ़ते हैं या तीसरी लहर आई तो फिर फजीहत हो सकती है। इसी कड़ी में अब वे 150 से ज्यादा स्टाफ नर्सें जिनकी दो महीने पहली ही स्थाई रूप से पोस्टिंग हुई है उन्होंने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हमें कैंसर, टीबी अस्पतालों में काम करने का अनुभव नहीं है। ऐसे में हम कैसे मरीजों की सेवा करें। इनके सहित अन्य परेशानियां भी हैं। बहरहाल, वे नर्सें जिन्हें कोरोना वॉरियर्स का सम्मान मिला है वे सभी शनिवार को मुख्यमंत्री को अवार्ड लौटाने की तैयारी में हैं। इधर, नर्सों ने जूनियर्स डॉक्टर एसोसिएशन को भी अपनी पीड़ा बताकर समर्थन की अपील की है।