Wed. Apr 30th, 2025

मानसून की रफ्तार:जिला मुख्यालय पर तपिश, गांवाें में बरसात से राहत, जिले में दो दिन से मानसून रफ्तार पकड़ रहा है

जिले में तीसरे दिन भी दोपहर बाद बादल मेहरबान रहे। जिससे जिला मुख्यालय को छोड़कर कहीं हल्की तो कहीं तेज बरसात हुई। इस दौरान मलसीसर क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 एमएम पानी बरसा। इसके अलावा बुहाना क्षेत्र में 4, नवलगढ़ क्षेत्र में 3 व पिलानी क्षेत्र में 3.1 एमएम बरसात दर्ज की गई। बरसात से तापमान में करीब एक डिग्री की गिरावट आई।

इससे पहले रविवार रात को भी जिले के कुछ स्थानों पर बरसात हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को कई स्थानों पर तेज हवा के साथ बरसात की संभावना जताई है। सोमवार को जिला मुख्यालय पर बादल छाए रहे, लेकिन बरसात नहीं हुई। करीब चार बजे तेज हवा के साथ मिट्टी उड़ी। पिलानी व उदयपुरवाटी क्षेत्र में हल्की बरसात हुई। मंडावा में सुबह व दोपहर बाद बरसात का दौर चला।

मंड्रेला व आस पास के क्षेत्र में तज हवा के साथ बरसात हुई। बगड़ में शाम चार बजे मानसून की पहली अच्छी बरसता हुई। पिलानी मौसम केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री से घटकर 40.8 डिग्री हो गया। जबकि न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री से घटकर 25.7 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।

मानसून मीटर : मलसीसर में 11 एमएम बारिश दर्ज, बुहाना-पिलानी में 3 मिमी

पिलानी | कस्बे में सोमवार को करीब आधे घंटे हुई बारिश ने आमजन को गर्मी से राहत दिलाई। आज दोपहर करीब 2:30 बजे शुरू हुई बारिश ने आमजन को गर्मी से राहत दिलाई। आधे घंटे में हुई करीब 3.1 एमएम बारिश के बाद चली हवाओं ने मौसम को सुहाना बना दिया।

उदयपुरवाटी | कस्बे सहित इलाके में सोमवार की शाम हल्की बरसात होने से मौसम सुहावना हो गया है। दिनभर तेज धूप व दोपहर बाद बादल छाए रहने के बाद शाम को हल्की बरसात का दौर शुरू हुआ। मेघ गर्जना के साथ रुक-रुककर देर शाम तक बरसात होने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।

सुलताना | कस्बे में दिनभर उमस के बाद शाम करीब साढ़े चार बजे बरसात हुई। करीब आधा घंटे हुई बरसात के बाद आमजन की गर्मी से राहत मिली। किसानों का कहना है कि मुरझा रही फसल के लिए बरसात अमृत का काम करेगी। बरसात के बाद कस्बे के केहरपुरा कलां रोड, मोदी मार्केट, बस स्टैंड पर पानी भर गया जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

मंड्रेला | कस्बे में सोमवार को दोपहर बाद तेज हवा के साथ आसमान से राहत बरसी। झमाझम बारिश से तापमान नीचे गिरने पर उमस भरी गर्मी झेल रहे लोग ने राहत की सांस ली। करीब एक घंटे की बारिश ने किसानों के चेहरे खिला दिए। मौसम सुहावना होने पर शाम को बाजार में रौनक भी दिखाई दी।

पिछले कुछ समय से अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहने के चलते लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल थे। भीषण गर्मी में फसल खराब हो रही थी। भीषण गर्मी के कारण बाजार में सन्नाटा पसर रहा था। बिना सिचाई के मंड्रेला, तिगियास, नालवा, बजावा सुरों का, डाबड़ी धीरसिंह, दिलवारपुरा, बोला की ढाणी आदि क्षेत्रों में फसल खराब होने की आशंका बढ़ गई थी, लेकिन सोमवार को इंद्रदेव ने सबकी सुनी।

दोपहर बाद करीब तीन बजे तेज हवा के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। कभी मूसलधार तो कभी रिमझिम बारिश के चलते खेत जलमग्न होने पर किसानों के चेहरे खिल उठे। साथ ही तापमान नीचे आने पर भीषण गर्मी से बेहाल नागरिकों ने राहत की सांस ली। मौसम सुहावना होने पर बाजार में भी रौनक दिखाई दी।

बगड़ | कस्बे में सोमवार को मानसून की पहली अच्छी बारिश हुई। बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली तो वही कई जगह निकासी के अभाव में बारिश पानी जमा हो गया। शाम 4 बजे के करीब शुरू हुई बारिश आधे घंटे तक लगातार होती रही। जिससे निकासी के अभाव में तिराहा बस स्टैंड, चौराहा बस स्टैंड, पीरामल गेट के पास सहित कई जगह पर निकासी के अभाव में बारिश का पानी जमा हो गया।

नगर पालिका व जलदाय विभाग कार्यालय के आगे गौरव पथ पर निकासी के अभाव में काफी पानी जमा हो गया जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश रुक जाने के बाद भी देर शाम तक बादल छाए छाए रहे।

बरसात होने से लोगों को गर्मी से मिली राहत

इंद्रपुरा | मानसून की बरसात होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। गर्मी को लेकर लोग काफी परेशान हो रहे थे। सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। सोमवार को दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव आया और बरसात आने से मौसम ठंडा हो गया। शिक्षक प्रकाश ओलखा ने बताया कि 10-12 अंगुल बरसात हो गई। पहले बोई गई खरीफ की फसल को बरसात का पानी अमृत के समान मिला है। बरसात 1 घंटे से अधिक देर तक जमकर हुई जिससे जगह-जगह पानी भर गया।

बाघोली | क्षेत्र के जोधपुरा, काकरिया, बाघोली, मणकसास, खोह, मंडावरा की अरावली पहाड़ियों, जहाज पचलंगी पापड़ा आदि गांवों में तीसरे दिन भी सोमवार को कहीं हल्की तो कहीं बूंदाबांदी बरसात हुई। काकरिया के पप्पू गुर्जर ने बताया कि एक महीने पहले बोई गई बाजरे की मुरझाई हुई फसल को जीवनदान मिला। अच्छी बारिश होने से गांवों में किसानों ने खेतों में ट्रैक्टरों द्वारा बुआई व बिजाई शुरू कर दी।

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