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मानसून:500 मीटर से 12 किमी ऊंचाई के कपासी बादल करा रहे जिले में खंड वर्षा

जिले में 20 दिनों से तेज बारिश नहीं हुई। खंड वर्षा हो रही है। वजह है कपासी बादल (क्युमुलस क्लाउड)। ये पिछले 17 दिनों से 500 मीटर से 12 किलोमीटर ऊंचाई पर विचरण कर रहे हैं। अधिक ऊंचाई के बादल कुछ क्षेत्र विशेष में खंड वर्षा कर चले जाते हैं। कपासी बादलों की वजह से बीते 24 घंटे में सनावद में 7 मिमी व बड़वाह में 1 मिमी बारिश हुई।

जिले में अब तक 113.2 मिमी औसत बारिश हुई है। जबकि पिछले साल अब तक 313.8 मिमी हो चुकी थी। खरगोन कपास उत्पादक क्षेत्र है और यह संयोग है कि कपासी बादलों के कारण खंड वर्षा हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है निमाड़ क्षेत्र में कपासी बादलों से ज्यादा क्षेत्र में बारिश नहीं हो रही है। ऊंचाई के बादल क्षेत्र विशेष में बरस रहे हैं। आगामी 3 दिन बाद ऐसे ही हालात रहेंगे। उसके बाद अरब सागर के सिस्टम से अच्छी बारिश के आसार हैं।

क्या हैं ये कपासी बादल, और इनका असर

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार इस समय अंचल में खंड वर्षा हो रही है। ऐसी वर्षा क्युमुलस क्लाउड (कपासी बादल) छाने के कारण होती है। यह देखने में कपास की तरह दिखते हैं। इनकी ऊंचाई 500 मीटर से 12 किमी तक होती है।

ऐसे बादल छाने से गरज-चमक के साथ बिजली गिरने के आसार ज्यादा होते हैं। बादल एक जगह ज्यादा बारिश करते हैं। जबकि आसपास सूखा रहता है। ऐसी स्थिति मार्च, अप्रैल व जून में बारिश के पहले बनती है। ऐसी स्थिति में बिजली गिरने का अलर्ट जारी करते हैं।

ऊंचाई के बादलों से खरगोन में तेज व निचले बादलों से भीकनगांव में सूखा रहा

खरगोन में 23 जून को 5 घंटे में 112 मिमी बारिश हुई थी। इसमें मानसून के भटकाव के साथ अधिक ऊंचाई के कपासी बादलों की भी भूमिका रही। इसी कारण रविवार बौछार गिरी। यहां अब तक 139 मिमी बारिश हो चुकी है। जो किसी भी ब्लॉक में सबसे ज्यादा है।

भीकनगांव में 23 जून को ही 8 मिमी बारिश हुई। उसके बाद बूंदाबांदी से ज्यादा बारिश नहीं हुई। यहां कपासी बादलों की ऊंचाई कम होने से ऐसे हालात बने हैं। जिले में यहां अब तक सिर्फ 9 मिमी बारिश ही दर्ज हो पाई है। जो कि जिले में किसी भी ब्लॉक में सबसे कम है।

कपास फसल बेहतर, बाकी फसल की बुआई में बहुत जरूरी है बारिश

जिले में गर्मी का कपास की बोवनी हो चुकी है। 2.25 लाख हेक्टेयर लक्ष्य में से 95 फीसदी कपास अंकुरित हो चुका है। कम बारिश के हालात से अभी कपास फसल को कोई नुकसानी नहीं। लेकिन अनाज की बोवनी बाकी है। झिरन्या, भीकनगांव, भगवानपुरा व सेगांव क्षेत्र में अभी तक बुआई के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई। यहां के किसान सोयाबीन, मूंग, चवला, मक्का फसलों की बुआई के इंतजार में हैं।

बारिश का अनुमान व जिले में बोवनी

कपासी बादल के कारण खंड वर्षा हो रही है। ऊंचाई के बादल विशेष जगह मूव कर तेज बरसते हैं। जबकि निचले बादल बूंदाबांदी कर चले जाते हैं। 16-17 दिनों से सही बारिश नहीं हुई। अब अरब सागर में सिस्टम बन रहा है। तीन दिन बाद इंदौर संभाग में अच्छी बारिश के आसार हैं। -वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक

जिले में 90% बोवनी हो चुकी है। कपास का अंकुरण बेहतर है। भीकनगांव व सेगांव में कम बारिश से बुआई बाकी है। -एमएल चौहान, उप संचालक कृषि

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