रोडवेज के लिए दिल्ली नहीं कमाई का रूट बना देहरादून, हल्द्वानी डिपो की रोजाना आठ लाख इनकम
हल्द्वानी : रोडवेज के लिए कमाई का रूट माने जाने वाले दिल्ली मार्ग पर औसत ठीक नहीं है। जबकि राजधानी देहरादून व अन्य लोकल मार्ग निगम के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। कुमाऊं के दूसरे नंबर के डिपो हल्द्वानी की बात करें तो प्रतिदिन करीब आठ लाख रुपये की इनकम बसों से मिल रही है। जबकि आठ जुलाई से पहले यह आंकड़ा डेढ़ लाख पार नहीं हो पार रहा था।
परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए बसों का व्यवस्थित संचालन बेहद जरूरी था। ताकि कर्मचारियों को सैलरी व संसाधन जुट सके। हल्द्वानी डिपो ने इस मामले में रणनीति से काम किया। बसों को उन्हीं रूट पर भेजा गया। जहां सवारियों की संख्या ज्यादा थी। आमतौर पर डिपो से अगर कोई बस दिल्ली जाने को बस अड्ढे पहुचंती थी तो घंटों सवारी के इंतजार में खड़ी रहती थी। लेकिन अब निगम ने यह कहा कि जिस मार्ग की सवारी ज्यादा होगी। उस रूट पर बसें भेजी जाएं। इससे निगम व यात्री दोनों को फायदा हो रहा है।
हड़ताल न होने से राहत
रोडवेज की पांच यूनियनों ने हड़ताल को फिलहाल टाल दिया है। इससे परिवहन निगम को बड़ी राहत मिली है। अगर कार्य बहिष्कार होता तो संचालन का पूरा सिस्टम बिगड़ जाता। संयुक्त परिषद ने 14 जुलाई की रात व संयुक्त मोर्चे में शामिल उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन, एससी-एसटी श्रमिक संघ, उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन व परिवहन मजदूर संघ शामिल था। मोर्चे ने 15 जुलाई की रात से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। लेकिन देर शाम शासन स्तर पर हुई वार्ता के बाद मोर्चा भी शांत हो गया