मानसून ने बिगाड़ा जंगल का गणित:बारिश की कमी के चलते वन विभाग शुरू नहीं कर पाया पौधरोपण, अभी भी विभाग को अच्छी बारिश का इंतजार

मानसून की बेरुखी ने भीलवाड़ा को काफी परेशान किया है। जहां किसान लगातार मानसून की तरफ की नजर लगाए बैठे हैं। उधर, इस मानसून की लेटलतीफी बारिश ने वन विभाग की गणित हो को भी बिगाड़ दिया है। वन विभाग की ओर से इस बार जिले में एक लाख से ज्यादा पौधरोपण करना था। इसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी। लेकिन भीलवाड़ा में अभी तक एक बार भी अच्छी बारिश नहीं हुई है। जिसके कारण वन विभाग चिंहित स्थानों पर पौधरोपण नहीं कर पाया है। वन विभाग को अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार है। वही तय किए गए समय से करीब 15 दिन देरी हो चुकी है।
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार मानसून सीजन में वन विभाग को जिलेभर में 1 लाख 20 हजार पौधरोपण करने का लक्ष्य मिला है। इसको लेकर वन विभाग ने अपनी अलग-अलग नर्सरी में पौधे भी तैयार कर दिया है। लेकिन अभी तक इन पौधों को लगाने के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसके कारण वन विभाग भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहा है। अगर वन विभाग अभिषेक पौधों को लगा दे तो यह पौधे पनपने से पहले ही जल जाएंगे।
पहले हुई बारिश ने बिगाड़ी थी वन्यजीव गणना की गणित है
आपको बता दें कि वन विभाग की ओर से बुद्ध पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना भी इस बार नहीं हो पाई है। ताउते के तूफान के चलते प्रदेश भर के सभी हिस्सों में बारिश हुई थी। जिसके कारण वन विभाग ने बुद्ध पूर्णिमा को वन्य जीव गणना को टाल दिया था। वन्य विभाग ने फिर अगली पूर्णिमा को वन्यजीव गणना करनी चाही। लेकिन उस दौरान भी बूंदाबांदी ने वन विभाग की इस वन्य जीव गणना को फेल कर दिया। वन विभाग ने अगली तारीख निश्चित नहीं है।
अभी हुई मात्र 12 प्रतिशत बारिश
भीलवाड़ा में मानसून की स्थिति की बात करें तो अभी तक मानसून को 20 दिन बीतने को है। लेकिन अभी तक 12 प्रतिशत बारिश भीलवाड़ा में हुई है। भीलवाड़ा में औसत बारिश 638.9 एमएम बताई गई है। भीलवाड़ा में मात्र 82.42 एमएम बारिश थी दर्ज की गई है।
अभी अच्छी बारिश का इंतजार
अक्सर मानसून की एक बारिश के बाद वन विभाग पौधरोपण शुरू कर देता है। इस बार भीलवाड़ा में 1 लाख 20 हजार पौधरोपण का लक्ष्य है। हमने तैयारी पूरी कर रखी है। लेकिन अभी तक इन पौधरोपण के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसके कारण हमारा कार्यक्रम भी कुछ देरी से चल रहा है।
देवेंद्र प्रताप जगावत डीएफओ, भीलवाड़ा