बरसात से लोगों के चेहरे खिले:280 मिली मीटर बरसात के बावजूद आया बांध में चार फीट पानी, अगर नहीं भरा बांध तो होगी सिंचाई प्रभावित

जिले के बौंली उपखण्ड मुख्यालय पर एवं आस पास के गांवो में पिछले दो दिन में हुई बरसात से लोगों के चेहरे खिल गए। सोमवार को सुबह से ही दोपहर एक बजे तक भी रिमझिम रिमझिम फुहारें आती रही। बौंली उपखंड में एक जून से अब तक 280 मिली मीटर बरसात हो चुकी है। बरसात होने से लोग खुश नजर आए। बरसात से कस्बे के जस्टाना मार्ग पर स्थित नागोलाव बांध में चार फीट पानी की आवक हुई है,लेकिन इसके भरने की संभावना कम ही है।
बांध के भराव मार्ग में दिल्ली मुंबई नेशनल हाईवे निर्माण कम्पनी द्वारा बनाई गई सेफ्टी दीवार व अंडर पास से बारिश का पानी बांध में नहीं पहुंच जहां तहां फैल रहा है। बरसात का पानी बांध में नहीं पहुंच पाने से आगामी रबी की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना से किसान वर्ग बेहद चिंतित है।

बांध में पूर्व की तरह बरसाती पानी पहुंचाने की मांग को लेकर हाल ही में क्षेत्र के किसानों ने विभागीय अधिकारियों को मौके पर बुलाकर हालातों से अवगत करवाया था,लेकिन हालात जस के तस बने हुए है। हनुमान मीणा, अफजल खान, कादर खान व धर्मेंद्र मीणा सहित कई लोगों ने बताया कि बांध के भराव मार्ग में दिल्ली मुंबई नेशनल हाईवे निर्माण कम्पनी द्वारा बनाई गई सेफ्टी दीवार व अंडर पास से बारिश का पानी बांध में नहीं पहुंच जहां तहां फैल रहा है। ऐसी स्थिति में भविष्य में बांध की भराव क्षमता प्रभावित होने की पूरी संभावना बन गई है।
गौरतलब है कि 10 फीट भराव क्षमता के इस नागोलाव बांध से कस्बे सहित कोड्याई ,अलूदा व आसपास के कई गांवों की सैकड़ों बीघा भूमि की रबी फसल की सिंचाई हो पाती है। यदि इस बार बांध में पानी नहीं आया तो बांध से सिंचित होने वाले खेतों में रबी की बुवाई बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने हालातों को देखकर बांध में पानी पहुंचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने का आश्वासन दिया। मौके पर विभागीय अधिकारियों को हालातों से अवगत कराने वाले किसान युवाओं ने उन्हें चेताया कि यदि शीघ्र ही दिए गए आश्वासन की क्रियान्विति नहीं की गई तो क्षेत्र के किसानों को मजबूर होकर आंदोलन पर उतारू होना पड़ेगा।
क्योंकि क्षेत्र के किसानों के लिए नागोलाव बांध लाइफ लाइन के रूप में काम करता है ऐसे में यदि इसकी भराव क्षमता प्रभावित हुई तो इस परेशानी को किसान वर्ग किसी भी स्थिति में सहन नहीं कर पाएगा।
इस बारे में जब सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता विनोद कुमार मीणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मौके पर हाईवे निर्माण कंपनी द्वारा बांध में बरसाती पानी पहुंचने के मार्ग पर सड़क निर्माण के दौरान जो मिट्टी डालकर अवरोध पैदा किया गया था। उसे पूर्णतया हटाने के लिए उन्होंने आश्वासन दिया है तथा मिट्टी को हटाने का काम शुरू भी कर दिया है। पूरी तरह अवरोध हट जाने पर बांध में पहले की तरह बरसात का पानी पहुंच सकेगा बांध में बरसाती पानी के पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो पाएगी।