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इंदौर में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प:250 करोड़ की लागत एमवायएच बनेगा मॉडल हॉस्पिटल, 400 बेड का ट्रामा सेंटर भी बनेगा

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतापल एमवायएच को 250 करोड़ रु. खर्च कर मॉडल हॉस्पिटल बनाया जाएगा। इसके तहत 400 बेड का ट्रामा सेंटर भी बनेगा। अस्पताल में वर्तमान में 18 ऑपरेशन थिएटर हैं। इसमें पहले फेज में 10 ऑपरेशन थिएटर को 10 करोड़ रु. खर्च कर मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर में बदला जाएगा। इसी कड़ी में 40 करोड़ रु. खर्च कर नया कैंसर अस्पताल बनाया जाएगा।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने एमवायएच को मॉडल हॉस्पिटल बनाने की घोषणा की थी। इसे लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर अस्पताल के डेवलपमेंट व अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त करने के लिए लगभग 250 करोड़ रु. का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सिलावट ने गुरुवार दोपहर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इसे लेकर बैठक ली। अधिकारियों से चर्चा कर बेहतर बनाने के निर्देश दिए।

अगले माह प्रस्ताव को अंतिम रूप

सिलावट ने कहा कि अगले माह मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ जिले के जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, डीन डॉ. संजय दीक्षित, एमवायएच अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर सहित मेडिकल कॉलेज से जुड़े विभिन्न अस्पतालों के अधीक्षक मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर दायित्व सौंपे गए हैं।

परिजनों के रहनेखाने के लि बनेगा 3 करोड़ रु. का भवन

वर्तमान में एमवायएच में 1500 मरीज भर्ती रहते हैं। जो लोग दूर दराज के क्षेत्रों से आते हैं। इनके परिजन के रहने व खाने की व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए 300 बेड वाला भवन बनाया जाएगा, जिसकी लागत 3 करोड़ रु. संभावित है।

नई लिफ्टों व डे केयर सेंटर पर खर्च होंगे 10 करोड़ रु.

अस्पताल की बिल्डिंग करीब 70 साल पुरानी है। यहां मरीजों और डॉक्टरों के लिए सिर्फ तीन लिफ्ट ही हैं। अस्पताल में 3 और नई लिफ्ट लगाने की आवश्यकता है जिसकी संभावित लागत लगभग 3 करोड़ रहेगी। अस्पताल में बहुत से मरीज ऐसे आते हैं, जिन्हें भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन निगरानी के लिए कुछ घंटे रखना पड़ता है। इसके लिए 200 बेड का एक डे केयर सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस पर लगभग 5 से 8 करोड़ खर्च होना संभावित है।

इलेक्ट्रिकल, प्लम्बिंग, लॉण्ड्री, किचन नए बनेंगे

अस्पताल में इलेक्ट्रिकल, प्लम्बिंग, लॉण्ड्री, किचन आदि के लिए अलग से विभाग बनाया जाएगा। एयर कंडीशनिंग सिस्टम का आधुनिकरण किया जाएगा। इससे अस्पताल के आईसीयू, ऑपेरशन थिएटर एवं वार्डों में मरीजों को ज्यादा सहूलियत मिल सकेगी। इसकी संभावित लागत लगभग 2 से 3 करोड़ रु. रहेगी।

नए सीएमओ पद बढ़ाए जाएंगे

एमवाय अस्पताल में 400 बेड का अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। बैठक में बताया गया कि इंदौर की आबादी को देखते हुए ट्रामा सेंटर अत्यंत जरूरी है। वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए यह मददगार होगा। अभी रोज 400 से 500 मरीज ट्रामा व एमएलसी के आते हैं। ऐसे ही रोज करीब 20 से 25 ऑपरेशन ट्रसमा से संबंधित किए जाते हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद और बढ़ाए जाएंगे। इस सेंटर के निर्माण पर करीब 15 से 20 करोड़ रु. खर्च होंगे।

पुराने कैंसर अस्पताल का मिलेगा नया रूप

एमवाय परिसर स्थित कैंसर अस्पताल का भवन पुराना एवं जर्जर हो गया है। इसके लिए नया भवन बनाया जाएगा। अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने जांच एवं उपचार के लिए लगाई जाएगी। यहां रेडियोथैरेपी, किमोथैरेपी एवं कैंसर सर्जरी के संयुक्त इलाज के लिए पर्याप्त वार्ड एवं ऑपरेशन थियेटर की कमी हैं इसलिए कैंसर अस्पताल को नया बनाया जाएगा। इसकी संभावित लागत करीब 40 करोड़ रु. है। यहां अभी कोबाल्ट पद्धति से मरीजों का इलाज हो रहा है जो कि पुरानी हो गई है। लीनियर एक्सीलेरेटर, एच.डीआर ब्रेकीथैरेपी मशीन, रेडियोथैरेपी डेडिकेटेड सीटी मशीन, पेट- सीटी मशीन एवं डोसीमैट्रिक सिस्टम की आवश्यकता है। इन मशीनो की अनुमानित लागत 40 करोड़ रु. है।

10 करोड़ का डी एडिक्शन सेंटर

मानसिक चिकित्सालय में आधुनिक डी एडिक्शन सेंटर की स्थापना एवं नशा उन्मूलन केन्द्र बनाया जाएगा। इसमें शराब, भांग, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, ड्रग्स आदि के पीड़ित लोगों का सम्पूर्ण इलाज तथा पुनर्वास होगा। इसमें 50 बिस्तरों की व्यवस्था रहेगी। इसकी संभावित लागत लगभग 10 करोड़ रहेगी ।

नई वायरोलॉजी लैब बनेगी

एमवाय अस्पताल में आधुनिक वायरोलॉजी लैब की स्थापना की जाएगी। इसमें जीनोम सिक्वेंसिंग व वायरस कल्चर से लेकर सभी आधुनिक जांचें हो सकेंगी। इस लैब के निर्माण की संभावित लागत करीब 10 करोड़ रु. रहेगी। नए भवन के निर्माण की संभावित लागत करीब 10 से 20 करोड़ होगी। अन्य डायग्नोस्टिक लैब जैसे पैथालॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी का आधुनिकीकरण किया जाएगा व नई मशीने लगेंगी। इसमें भी 10 करोड़ रूपये का खर्च प्रस्तावित है।

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