कांग्रेस के नवनिर्वाचित कार्यकारी अध्यक्ष खुद लड़ेंगे या लड़वाएंगे

हल्द्वानी : कांग्रेस हाईकमान ने गुरुवार रात पंजाब की तर्ज पर अध्यक्ष समेत चार कार्यकारी अध्यक्ष उत्तराखंड में नियुक्त कर दिए। समीकरण के लिहाज से यह फार्मूला सटीक है। जिम्मेदारी बांटने से चुनाव में मेहनत की नई रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिन चार वरिष्ठ नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। वह अलग-अलग सीटों से खुद दावेदारी में है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि वह खुद चुनाव लड़ेंगे या प्रदेश भर में कांग्रेस के प्रत्याशियों को लड़वाने में फोकस करेंगे।
हाईकमान ने श्रीनगर के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को पीसीसी चीफ बनाने के साथ पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़, पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष व मंडी सभापति भुवन कापड़ी, पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत व प्रोफेसर जीतराम को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह चारों कार्यकारी अध्यक्ष अपनी पुरानी सीट से चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटे हुए थे। सभी की अपने क्षेत्र में पकड़ भी अच्छी है। मगर अब पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी देकर कांग्रेस के पक्ष में परिणाम लाने का दारोमदार भी सौंपा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि प्रचंड बहुमत व मजबूत संगठन वाली भाजपा सरकार को मात देने में यह क्या रणनीति बनाते हैं।
हरदा की अब चलेगी
चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व सीएम व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने की अहम जिम्मेदारी मिली है। हरदा पहले से ही यह कमान खुद के हाथों में चाहते थे।