भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट:80 एकड़ में बनेगा डिपो, यहीं से होगा कोच मेंटेनेंस से लेकर चलने तक का मैनेजमेंट
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में एम्स टू करोंद रूट पर 180 से ज्यादा पिलर खड़े करने और गर्डर लांचिंग के बीच अब मेट्रो डिपो बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। डिपो सुभाष नगर रेलवे फाटक, इनकम टैक्स ऑफिस के पीछे व आसपास करीब 80 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहीं से कोच मेंटेनेंस से लेकर चलने तक का मैनेजमेंट होगा। यहां एक समय में 4 मेट्रो ट्रेन खड़ी की जा सकेंगी। हालांकि, डिपो बनाने की शुरुआत 3 साल पहले 2018 में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन टेंडर प्रोसेस में लेटलतीफी और कोरोना संक्रमण के कारण काम नहीं हो सका। अब 2025 तक डिपो बनेगा।
मृदा परीक्षण के बाद टेंडर प्रोसेस पूरी होकर तकनीकी बिड फाइनल होने के बाद डिपो बनाने का काम शुरू हो गया है। फिलहाल सुभाष नगर रेलवे फाटक के आसपास खुदाई शुरू हो गई है। डिपो में कोच मेंटेनेंस व मेट्रो खड़ी की जाएगी। साथ ही, यहीं से तय रूट पर मेट्रो दौड़ेगी।
8 किमी में काफी काम
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का पहला रूट 16.05 किलोमीटर लंबा है। यह एम्स टू करोंद तक जाता है। फिलहाल इसी रूट निर्माण हो रहा है। अब तक एम्स, होशंगाबाद रोड, सुभाषनगर, एमपी नगर जैसे क्षेत्र में पिलर खड़े किए गए हैं। करीब 8 किमी हिस्से में काम हो रहा है। हालांकि, अब असली चुनौती सुभाष नगर रेलवे फाटक से करोंद के बीच है, क्योंकि यहां से मेट्रो अंडरग्राउंड गुजरेगी। इन सभी कामों में 4 साल और लग जाएंगे और मेट्रो 2025 तक ही दौड़ पाएगी।
मेट्रो के ये 2 रूट
- कुल 29.04 किलोमीटर तक मेट्रो दौड़ेगी
- एम्स से करोंद के बीच 16.05 किमी का रूट होगा। काम जारी
- भदभदा से रत्नागिरी 12.99 किमी पर मेट्रो चलेगी। काम शुरू नहीं
कई चुनौतियां बाकी
मेट्रो के ट्रैक पर आने और दौड़ने के बीच कई चुनौतियां हैं। इनको दूर करने में जिम्मेदार जुटे हैं। पुराने भोपाल में करीब 2 किमी के अंडरग्राउंड रूट को लेकर फिलहाल कोई तैयारी नहीं है। कुछ जगह जमीन अधिग्रहण का मामला अटका है, तो जमीन को लेकर कोर्ट में भी मामले हैं। हालांकि, कई मामलों को सुलझाने में जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर तक लगे हैं। हाल ही में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बैठक लेकर मेट्रो में आ रही अड़चनों को दूर करने के निर्देश दिए थे। वहीं, कमिश्नर कवींद्र कियावत ने भी मेट्रो से जुड़े अफसरों की बैठक ली थी। उन्हों चल रहे काम व रुकावट के बारे में जानकारी ली थी।