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कम बारिश से पाैंग में पिछले साल से 24 फीट पानी कम, लेवल 80 फीट बढ़ने के लिए जरूरी है रोज 2 फीट की पानी आए डैम में

पश्चिमी राजस्थान के पांच जिलाें की सिंचाई और 10 जिलाें की प्यास बुझाने वाले पाैंग डैम का जलस्तर चिंता बढ़ा रहा है। वाे इसलिए क्याेंकि पिछले साल की तुलना में डैम में 24 फीट कम पानी आया है। 1390 फीट तक भरे जाने वाले डैम में 27 जुलाई तक 1313 फीट ही पानी पहुंचा है। करीब 77 फीट पानी और भरा जाना है।

पिछले साल 27 जुलाई काे 1337 फीट पानी था। चिंता की बात ये भी है कि मानसून सीजन के अब 40 ही दिन शेष हैं। हिमाचल में सितंबर के प्रथम सप्ताह में ही मानसून की विदाई शुरू हाे जाती है। ऐसे में अगर इन 40 दिनाें में डैम का जलस्तर नहीं सुधरा ताे आने वाले अगले मानसून सीजन तक पश्चिमी राजस्थान के लाेगाें काे परेशानी हाेगी क्याेंकि इसी डैम के सहारे बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमागनढ़ और जैसलमेर, चूरू में सिंचाई हाेती है।

इन जिलाें के साथ ही बाड़मेर, झुंझुनूं, नागाैर, सीकर और जाेधपुर में पीने का भी पानी दिया जाता है। अगर डैम का जलस्तर नहीं सुधरा ताे रबी की फसल में जाे पानी चार बारी बनाकर एक समय में दाे बारी में पानी दिया जाता था उस भी संशय हाे जाएगा।

1370 फीट तक भी डैम भरा ताे भी तीन समूह में मुश्किल से पांच बारी ही पानी मिल सकेगा। यही वजह है कि डैम का जलस्तर देखते हुए अभियंता खरीफ का पानी तय नहीं कर रहे हैं। वह दीगर बात है कि अघाेषित रूप से नहराें में खरीफ की सिंचाई के पानी दिया जा रहा है लेकिन अधिकृत वरीयता इसलिए तय नहीं कर रहे हैं क्याेंकि उसके बाद अभियंताओं काे आगे पानी देने के लिए पाबंद हाेना हाेगा जबकि अभी कभी भी बिना सूचना के नहराें में पानी बंद कर सकते हैं।

असर – हालात नहीं सुधरे तो 5 जिलाें में सिंचाई व 10 जिलाें में पीने का संकट, रबी की फसलाें काे पानी मिलना हाे जाएगा मुश्किल

साल भर इसी से होता है गुजारा

अगर डैम पूरा नहीं भरा ताे सालभर पीने के पानी का संकट ताे नहीं हाेगा लेकिन सिंचाई का संकट जरूर गहराएगा। रबी में अक्सर किसान चार समूह की बारियाें में पानी की मांग करते हैं। क्याेंकि गेहूं, जाै, चना, सरसाें आदि की बिजाई हाेती है। गेहूं में कम से छह से सात सिंचाई की जरूरत हाेती है। लेकिन 1370 से 1375 फीट तक पानी रहा ताे तीन समूह में ही पानी मिलेगा वाे भी पांच से छह बारी में। इससे पश्चिमी राजस्थान में गेहूं की बिजाई का क्षेत्रफल कम हाेगा।

हम माैसम विभाग से राेज अपडेट ले रहे हैं। करीब 20 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। निकासी भी हाे रही है। प्रतिदिन करीब आधा से एक फीट ही डैम का जलस्तर बढ़ रहा है। दाे बार ज्यादा इनफ्लाे आया इसलिए 1313 फीट तक भी पहुंच गया। उम्मीद है इनफ्लाे बढ़ेगा ताे डेम की स्थिति सुधरेगी। अगर डेम पूरा नहीं भरा ताे असर आने वाले पूरे साल पर पड़ेगा। पर अभी अधिकृत रूप से कहना मुश्किल है लेकिन मानसून से आस बनी हुई है।
– विनाेद मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन हनुमानगढ़

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