फैसला नगर निगमों को लेना होगा:एनजीटी- आवासीय क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर चलेंगे या बाहर होंगे, फैसला नगर निगम करे
भोपाल व इंदौर में आवासीय क्षेत्रों में संचालित हो रहे ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर यथावत चलते रहेंगे या इन्हें बाहर कर इंडस्ट्रियल एरिया में शिफ्ट किया जाए, यह फैसला नगर निगमों को लेना होगा। एनजीटी ने वाहनों के सर्विस सेंटरों से होने वाले प्रदूषण से 7 साल पुराने एक केस का निराकरण करते हुए यह आदेश दिए हैं।
एनजीटी ने कहा कि ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर का संचालन स्थानीय नियमों के मुताबिक होता है, इसलिए निगम को ही इस पर फैसला लेने का अधिकार है। एनजीटी ने भोपाल के उन 43 ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर को निर्देश दिया है कि वे 2015 में हलफनामों में दिए 500 पेड़ और 5 पब्लिक यूरिनल व 15 डस्टबिन लगाने के प्रपोजल का पालन करें। इसका पालन कराने की जिम्मेदारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की होगी। जो प्रपोजल का पालन खुद नहीं करेगा, उसे उसके एवज में 10 लाख रुपए निगम को जमा कराने होंगे।
2015 में सर्विस सेंटर को ईटीपी लगाने को कहा था
2014 के पहले भोपाल और इंदौर में सभी ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर अपना वेस्ट वाटर शहर में खुली नालियों में बहा रहे थे। एनजीटी ने वर्ष 2015 में बिना प्रदूषण बोर्ड की मंजूरी के चल रहे सभी सर्विस सेंटर को ईटीपी लगाने और प्रदूषण की भरपाई का प्लान पेश करने का आदेश दिया था।