कैबिनेट विस्तार फिलहाल नहीं:गहलोत सिर्फ विस्तार के पक्ष में, आलाकमान की फेरबदल की मंशा, माकन बोले- कई मंत्री संगठन में काम करना चाहते हैं
कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच विधायकों और पीसीसी पदाधिकारियों का फीडबैक लेने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन शुक्रवार को दिल्ली के लिए उड़ गए। हालांकि, अब भी कैबिनेट विस्तार कब होगा, यह तय नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सीएम गहलोत सिर्फ मंत्रिमंडल विस्तार के पक्ष में हैं। जबकि आलाकमान की मंशा पूरे फेरबदल की है। पिछले दिनों मंत्रियों के साथ हुई बैठक में जब मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा चली तो गहलोत ने कहा था कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है…मैं हूं ना। वहीं माकन ने विधायकों से 3 माह में कामकाज की रिपोर्ट मांगी है।
जाते-जाते उन्होंने विधायकों को अपने कामकाज का लेखा-जोखा तैयार कर तीन माह में रिपोर्ट एआईसीसी को भेजने का होमवर्क दिया। वहीं फेरबदल की तारीखों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि सीएम अशोक गहलोत के बेहद नजदीकी सूत्रों का कहना है कि सब कुछ इतना जल्दी नहीं होगा, जितना समझा जा रहा है।
माकन ने सिर्फ इतना कहा है कि सब कुछ जल्द होगा, लेकिन गहलोत खेमे के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कुछ तय नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की परंपरा रही है कि यहां चीजों को ठंडा करके निपटाया जाता है। पंजाब में आलाकमान ने जो भी किया, उसकी अब कोई भी तारीफ नहीं कर रहा। सिद्धू ने खुद को क्रिकेट में व्यस्त कर यह साबित कर दिया है कि आलाकमान ने उनके बारे में जल्दबाजी में फैसला लिया।
रघु की एक और शिकायत, पदाधिकारी बाेले- स्वास्थ्य मंत्री फोन भी नहीं उठाते
जिस परफोरमेंस के आधार पर मंत्रियाें को बदलने की बात की जा रही थी, उसे माकन ने यह कहकर खारिज कर दिया कि सभी 115 विधायकों ने सरकार के काम काज की तारीफ की है। हालांकि कई विधायकों ने खुलकर मंत्रियों की शिकायतें भी की। पीसीसी की बैठक में राजेंद्र चौधरी ने खुलकर रघु शर्मा की शिकायत की। कहा- कोरोनाकाल में स्वास्थ्य मंत्री तो छोड़ो उनके पीए भी फोन नहीं उठाते थे।
बता दें कि गुरुवार को ही माकन ने सीएमआर में आयोजित डिनर पार्टी में कहा था कि सभी विधायकों ने सरकार के काम की तारीफ कर चुके हैं। किसी को मंत्रियों से शिकायत नहीं है। हालांकि, दो दिन के फीडबैक के दौरान ही कई विधायक सरकार के बड़े मंत्रियों की शिकायत कर चुके हैं।
सूत्रों का दावा- हरीश चौधरी और कटारिया संगठन में जाने के इच्छुक
दिल्ली लौटने से पहले माकन ने मीडिया से बातचीत में कहा- मुझे दो दिन के फीडबैक में बहुत से विधायक और मंत्री मिले, जो अपने ओहदे छोड़कर जरूरत पड़े तो संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार हैं। मंत्रियों ने मेरा खुद का 2013 का उदाहरण भी दिया, तब मैंने भी मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया और राहुल गांधी के साथ संगठन में एआईसीसी महासचिव बना।
उसी तर्ज पर कई मंत्रियों ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे संगठन में काम करने को तैयार हैं। मुझे इसका सुखद आश्चर्य है कि ऐसे बहुत से मंत्री हैं। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी और लालचंद कटारिया ने फीडबैक बैठक के दौरान संगठन में काम करने की इच्छा जाहिर की है। कयास हैं कि कई मंत्रियों को ड्रॉप कर संगठन में लगाया जा सकता है।
माकन ने कहा- मैं ही दिल्ली हूं
माकन ने कहा- मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों, जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों पर मंत्रणा जारी है। दिल्ली जाकर दो दिन विधायकों की मंत्रणा के फीडबैक के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल पर फैसले के सवाल पर कहा- मैं ही दिल्ली हूं।