भोपाल के पर्यटन स्थल बनेंगे वर्ल्ड क्लास:साइट्स का सर्वे कर नोएडा की एजेंसी देगी सुझाव, DPR बनाने के बाद PPP मॉडल पर डेवलप होगा
भोपाल और आसपास के पर्यटन स्थलों को और विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो रहा है। इसका सर्वे नोएडा की कंपनी करेगी। यह कंपनी अमेरिका में भी लिस्टेड है। इस पर 30 लाख रुपए खर्च होगा। साइट्स के डेवलपमेंट का काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) माॅडल में होगा, ताकि सरकार पर वित्तीय भार ना आए।
भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, जिला प्रशासन और पर्यटन विकास निगम तीनों मिलकर भोपाल और आसपास के पर्यटन स्थलाें को और विकसित करने विजन डॉक्यूमेंट बना रहे हैं। इसके अनुसार साइट्स को चिन्हित कर विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य भोपाल आने के लिए टूरिस्ट का आकर्षित करना और ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाना है। इसके लिए नोएडा की CBRI कंपनी को काम दिया गया है। कंपनी एक सप्ताह में अपना काम शुरू कर देगी।
तीन महीने का समय किया गया है तय
कंपनी साइट्स का फिजिकल सर्वे कर सुझाव देगी। जैसे कि पर्यटन की मौजूदा साइट्स पर किस प्रकार की गतिविधियों जैसे ईको टूरिज्म, स्पोर्ट्स एक्टिविटी विकसित की जा सकती है। इन सभी गतिविधियों के साथ कंपनी साइट्स के डेवलपमेंट के लिए DPR भी बनाएगी। इस काम के लिए तीन महीने का समय तय किया गया है।
स्मार्ट सिटी के CEO आदित्य सिंह ने बताया, सर्वे के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि साइट्स का डेवलपमेंट किस तरह से करना है। भोपाल और आसपास के इलाके में बंद पड़ी साइट्स को भी शुरू करने के सुझाव आएंगे। जिस पर सभी एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।
जानकारी के मुताबिक, DPR के अनुसार PPP मोड पर एजेंसियों को टेंडर जारी कर आमंत्रित किया जाएगा। इसमें एजेंसियाें को ही साइट को डेवलपमेंट करने का खर्च उठाना होगा, जिसका खर्च पर्यटन स्थल पर कमर्शियल गतिविधियों से होने वाली आय से निकाल सकेगी।
भोपाल के आसपास सांची, भीमबेटिका, वन विहार, राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, कलियासोत डैम, केरवा डैम, हलाली डेम, महादेव पानी, मनुआभान टेकरी समेत कई साइट्स हैं। इनको विकसित करने और पर्यटन के हिसाब से नई गतिविधियां शुरू करने काे लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी।