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संसद में आज पारित हो सकता है OBC बिल, भाजपा ने राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी किया व्हिप

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार ओबीसी बिल को राज्यसभा में पारित कराने के लिए सक्रिय हो गई है। हालांकि ओबीसी बिल को विपक्ष के कई दलों ने समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने भी सोमवार को राज्यसभा में अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। भाजपा ने 3 लाइन का व्हिप जारी कर सांसदों से कहा है कि सभी सांसद 10 और 11 अगस्त को सदन में उपस्थित रहें। इसके अलावा लोकसभा में भी आज ओबीसी बिल पर चर्चा होगी। इससे पहले आज भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक ही हुई, जिसमें भी भाजपा ने अपनी आगामी रणनीति पर चर्चा की है।

सोमवार को लोकसभा में पेश हुआ था विधेयक

इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में ओबीसी विधेयक को पेश कर दिया था। इस विधेयक के जरिए राज्यों को OBC लिस्ट तैयार करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। भाजपा द्वारा राज्यसभा में अपने सांसदों को व्हिप जारी करने के पीछे का कारण है कि लोकसभा में बिल पास होने के बाद अब राज्यसभा में भी पेश होने के बाद जल्द से जल्द पास किया जा सके। इधर OBC बिल को लेकर कांग्रेस सहित 15 विपक्षी दलों ने भी चर्चा कर रणनीति तैयार की है। बैठक में विपक्षी दलों ने ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है। राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में 127 वां संविधान संशोधन विधेयक 2021 सरकार लाने जा रही है। हम सभी विपक्षी पार्टियों के नेता और संसद सदस्य इस बिल का समर्थन करेंगे।

इसलिए खास है ओबीसी बिल

केंद्र सरकार जो ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई है, उसमें राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार मिल सकेगा। इसका मतलब यह है कि अब राज्य सरकारों को किसी जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा। इस बिल के पास होने के बाद राज्य सरकारें अपने यहां किसी जाति को ओबीसी समुदाय में शामिल कर पाएगी। दरअसल 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी भी जाति को OBC में शामिल करने का अधिकार केंद्र के पास है, राज्यों के पास नहीं।

केंद्र ने इसी का हवाला देते हुए महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दिए आरक्षण को रद्द कर दिया था, लेकिन अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में आपत्ति जताई थी और मामले पर पुनर्विचार की अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन बिल लाने का फैसला किया था।

 

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