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पंचायतीराज चुनाव के टिकट पर कांग्रेस में खींंचतान:प्रदेशाध्यक्ष की बैठक में भरतपुर से कांग्रेस की टिकट पर जीतने वाले सभी विधायक नदारद, दौसा के महवा में सामने आया विवाद

जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के चुनावों में टिकट बांटने को लेकर कांग्रेस में मतभेद शुरू हो गए हैं। पंचायतीराज चुनावों में टिकटों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई जिलेवार बैठकों में मतभेद खुलकर सामने आए। दौसा जिले से बैठक की शुरुआत हुई। दौसा के महवा और भरतपुर जिले में टिकट वितरण को लेकर नेताओं में खींचतान सामने आने लगी है। कांग्रेस को हराने वाले विधायकों की राय पर पंचायतीराज चुनावों में टिकट देने पर विरोध के सुर उठने लगे हैं।

सबकी राय से ही टिकट बांटने की सलाह

भरतपुर जिले की बैठक में भरतपुर से कांग्रेस के टिकट पर जीता हुआ कोई विधायक ही नहीं पहुंचा। पूर्व मंत्री और विधायक विश्वेंद्र सिंह, वैर विधायक और मंत्री भजनलाल जाटव और पायलट समर्थक बयाना विधायक अमर सिंह जाटव बैठक से नदारद रहे। टिकट वितरण के मुद्दे पर हुई बैठक में बसपा से कांग्रेस में आए नदबई विधायक जोगिंद्र सिंह अवाना और नगर विधायक वाजिब अली, भरतपुर से राष्ट्रीय लोकदल विधायक और मंत्री सुभाष गर्ग ही शामिल हुए। बैठक में प्रभारी वेद प्रकाश सोलंकी ने सबकी राय से टिकट बांटने की बात रखी, जहां कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवार हैं उनकी राय से भी टिकट बांटने की सलाह दी। भरतपुर में पार्टी कई जगह बिना सिंबल उम्मीदवार उतार सकती है।

टिकट देने का विरोध

दौसा जिले की बैठक में पूर्व जिला प्रमुख और गहलोत समर्थक अजीत सिंह महुवा ने निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला और कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवार अजय बोहरा के कहने से टिकट देने का विरोध किया। अजीत सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष से कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट की दावेदारी होने के बावजूद जब टिकट नहीं मिला तो बागी लड़ने की जगह पार्टी का साथ दिया। अब जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में टिकट बांटने में मेरी राय को महत्व दिया जाए। दौसा के महवा में निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला और हारे हुए उम्मीदवार अजय बोहरा को भी बैठक में बुलाया गया था।

चार जिलों में 5 विधायक ऐसे जिन्होंने कांग्रेस को हराया
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने टिकट वितरण को लेकर गुरुवार को दौसा, सवाईमाधोपुर, भरतपुर और सिरोही जिले के विधायकों, विधायक उम्मीदवारों और संगठन प्रभारियों की बैठक ली। टिकट वितरण पर चर्चा हुई। जयपुर और जोधपुर की बैठक शुक्रवार को होगी। इन चार जिलों में 5 विधायक ऐसे हैं, जो कांग्रेस को हराकर विधायक बने। अब उनकी सलाह से टिकट बांटने का कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवार विरोध कर रहे हैं।

हो रहा विरोध

दौसा के महवा में ओमप्रकाश हुड़ला, सवाईमाधोपुर के गंगापुर में रामकेश मीणा, नगर से वाजिब अली, नदबई से जोगिंद्र सिंह अवाना और सिरोही से संयम लोढ़ा कांग्रेस को हराकर विधायक बने। ये विधायक अब सरकार के साथ हैं। इसलिए इनकी सलाह से पंचायतीराज चुनाव में टिकट बंटेंगे। निर्दलियों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों से हारने वाले उम्मीदवार अब उनकी राय से टिकट बांटने का विरोध कर रहे ​हैं। सिरोही जिले में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है, इसलिए वहां पूरे जिले में टिकट वितरण में संयम लोढ़ा के दखल का विरोध हो रहा है।

सवाईमाधोपुर में भी अंदरखाने गतिरोध

सवाईमाधोपुर के बामनवास और गंगापुर में भी टिकट को लेकर गतिरोध है। बामनवास विधायक इंद्रा मीणा ने पार्टी के ही कुछ नेताओं के खिलाफ शिकायत की है। गंगापुर में हारे हुए उम्मीदवार और उनके समर्थक निर्दलीय रामकेश मीणा को टिकट वितरण में महत्व दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। सवाईमाधोपुर विधायक दानिश अबरार और गंगापुर से निर्दलीय रामकेश मीणा बैठक में नहीं आए।

प्रदेशाध्यक्ष की हिदायत
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जिलेवार बैठकों में कांग्रेस नेताओं और विधायकों को जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवारों को छांटने को कहा है। सदस्य का चुनाव जीतने के बाद प्रधान, जिला प्रमुख के वक्त विरोधी दल को समर्थन नहीं दे दे, इसकी पुख्ता गारंटी लेकर ही टिकट बांटने की हिदायत दी है।

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