तीन साल बाद भी ये हाल:आज से 72 घंटे में मिलेगा, पानी, जवाई बांध में 52 दिन सप्लाई जितना ही बचा
पाली वादा तो था कि 2018 से ही शहर को 24 घंटे पीने का पानी मिलने लगेगा, लेकिन करीब 3 साल हकीकत यह है कि अब शुक्रवार से तीन दिन यानी 72 घंटे में सप्लाई होगी। यह सप्लाई उसी पाइप लाइन से होगी, जिसे 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध कराने के वादे के साथ रुडिप की ओर से बिछाई गई थी। नई पाइपलाइन हाेने के चलते जलदाय विभाग 5 से 6 घंटे पानी पाइपलाइन में छाेड़ेगा।
पाइपलाइन भरने के बाद ही घराें तक पानी प्रेशर से पहुंचेगा। पेयजल किल्लत का सामना शहरवासी दाे साल पहले वर्ष 2019 में झेल चुके हैं। पिछले दाे सालाें में न ताे प्रशासन के स्तर पर और न ही जनप्रतिनिधियाें के स्तर पर पर्याप्त पानी की व्यवस्था की है। खास बात यह है कि हर बार जवाई बांध में पर्याप्त पानी हाेने के बावजूद भी पेयजल के लिए प्राथमिकता न देकर सिर्फ कटाैती ही की है। इसका नतीजा यह है कि इस बार भी जिलेवासियाें काे 72 घंटे में एक बार पेयजल मिल पा पाएगा।
इन शहराें व कस्बाें में आज से 72 घंटे में सप्लाई
जिले के पाली, बाली, रानी, फालना, मारवाड़ जंक्शन, तखतगढ़, जैतारण, साेजत, राेहट, रायपुर, जैतारण, सुमेरपुर व सादड़ी समेत अन्य बड़े कस्बाें में तीन दिन में एक बार पानी मिलेगा। जवाई से जुड़े 563 गांवाें व अन्य गांवाें में पहले से कर चुके 72 घंटे में पेयजल सप्लाई।
वे 3 बड़े कारण, जिससे हर दूसरे साल आती है पेयजल की किल्लत, लेकिन समाधान नहीं खोज पाए
1.पानी का बंटवारा सही नहीं : बांध में पर्याप्त पानी हाेने पर हर साल किसानाें व प्रशासन व जलदाय विभाग के बीच खींचतान रहती है। जिले के छह में से 2 विधायक ही इस बैठक में शामिल हाे पाते हैं, जिससे अन्य विधायक पीने के पानी के लिए मांग भी नहीं रख पाते हैं।
2.जवाई बांध के भरने की याेजना : बांध काे भरने के लिए बड़े-बड़े दावे और 6 हजार कराेड़ की याेजना के सपने भी दिखाए। पिछले 8 सालाें से यह याेजना ठंडे बस्ते में है। आपसी लड़ाई के चलते यह याेजना अभी तक भी साकार नहीं हाे पाई है, जबकि सर्वे और डीपीआर तैयार हाे चुकी है।
3. जाेधपुर से राेहट तक पाइपलाइन : जाेधपुर से राेहट तक पानी लाने की काफी समय से याेजना चल रही है। बीते साल राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तृतीय चरण में राेहट के गांवाें काे शामिल किया गया है। इस वर्ष यह याेजना का बजट राज्य निधि से खर्च करने की घाेषणा की गई है।
आम जनता के सवाल और जवाब
1. अब मुझे कब और कितना पानी मिलेगा
72 घंटाें में एक बार पानी मिलेगा। वाे भी 2 घंटे तक ही मिलेगा।
2. अगर आने वाले 20 दिनाें में यही हालात रहे ताे क्या और पानी की कटाैती हाे सकती है
बिलकुल, यही स्थिति रही ताे वापस रिव्यू हाेगा। इसके बाद 96 घंटे में पेयजल सप्लाई भी हाे सकती है।
3. सितंबर तक बारिश नहीं हुई और जवाई में पानी नहीं आया ताे अागे क्या हाेगा?
पानी के लिए आपात स्थिति का सामना करना पड़ेगा। जाेधपुर से वाटर ट्रेन से पानी आएगा, कुंए अधिग्रहण हाेंगे, टैंकराें से पानी पिलाना पड़ेगा।
जवाई में पानी की उपलब्धता कम हाेने के चलते शहरी क्षेत्र में शुक्रवार से 72 घंटे में एक बार पेयजल सप्लाई की जा रही है। आमजन काे भी पानी बचत करना आवश्यक है। उम्मीद है इस माह के अंत तक बांध में पानी आ जाए। अगर यही हाल रहा ताे वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाएगी। -जगदीश प्रसाद शर्मा, एसई जलदाय विभाग पाली
10 सालाें में कब-कब बदला गया शेड्यूल
- वर्ष 2011 : इस वर्ष बारिश नहीं हाेने चलते जवाई समेत जिले के सभी बांध सूखे पड़े थे।
- वर्ष 2016 : तब पहले 72 घंटे और बाद में 96 घंटे में एक बार सप्लाई की। जिस दिन वाटर ट्रेन चलनी थी, उस दिन अच्छी बारिश हाेने से जवाई में पानी आ गया।
- वर्ष 2018 : दाे बार बाढ़ के हालात हाेने के बाद फिर से इस साल पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ा। इसी कारण पेयजल शैड्यूल भी बदला गया।
- वर्ष 2019 : इस समय जिलेवासियाें काे भारी पेयजल किल्लत हुई। जुलाई में पेयजल शेड्यूल बदलने के साथ ही 25 जुलाई से वाटर ट्रेन चलानी पड़ी थी। अगस्त के प्रथम सप्ताह में बारिश हाेने के चलते जवाई में पानी की आवक शुरू हुई।
- अब 2021 : इस वर्ष जवाई से पीने का पानी कम मिलने से ये हालात हुए। गत 25 जुलाई काे ग्रामीण क्षेत्राें में 72 घंटे में एक बार सप्लाई शुरू की, अब शुक्रवार से शहरी क्षेत्र में यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
बीते साल सिर्फ तीसरा हिस्सा ही पीने के लिए दिया
- वर्ष 2020 में जवाई में कुल 54.20 फीट यानी 5562.82 एमसीएफटी पानी उपलब्ध था। अक्टूबर में सेई काे मिलाकर 6000 एमसीएफटी में से पानी का बंटवारा किया गया।
- बंटवारे में पूर्व संभागीय आयुक्त ने पेयजल के लिए एक साल के लिए 3500 एमसीएफटी की मांग के अनुसार मात्र 2192 एमसीएफटी पानी ही दिया और 4 पाण के लिए 4000 एमसीएफटी पानी दिया गया।
- हालांकि विराेध के बाद कैनाल छीजत से 250 एमसीएफटी पानी अतिरिक्त दिया गया यानी पीने के लिए कुल 2442 एमसीएफटी पानी ही मिल पाया।
- अब बारिश नहीं हाेने से खींचतान शुरू हाे गई है। जिलेवासियाें काे पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है