जिला प्रमुख सीट को लेकर कांग्रेस में खींचतान:पूर्व सांसद जाखड़ बेटी को पद दिलाने की जुगत में, तो मदेरणा परिवार भी देगा सीधी चुनौती, अब राह मुश्किल
68 साल के बद्रीराम जाखड़ फिलहाल न तो सांसद है और न कांग्रेस में किसी बड़े ओहदे पर, फिर भी पंचायत चुनाव में राजनीति के खूब दांव लगा रहे हैं। क्योंकि इस बार जोधपुर से जिला प्रमुख पद पर वे अपनी बेटी मुन्नीदेवी गोदारा को तो पीपाड़ पंचायत समिति में पोती सोनिया जाखड़ को प्रधान बनाने की जुगत में हैं।
हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के चुनाव में ताल ठोंकने से यह राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही थी, लेकिन पीपाड़ में पंचायत समिति सदस्य के नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी में आरएलपी के 18 उम्मीदवारों के एक साथ पर्चे खारिज होने से वहां अब कांग्रेस व भाजपा में सीधा मुकाबला रह गया। आरएलपी रिटर्निंग अधिकारी पर कांग्रेस का दबाव होने का आरोप लगा रही है और इसे मुद्दा बनाकर गुरुवार काे कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करेगी।
वहीं मदेरणा व विश्नोई परिवार के भी चुनाव में सीधे तौर पर उतरने से ग्रामीण राजनीति में रोचकता आ गई है। मदेरणा परिवार की भी नजर जिला प्रमुख की सीट पर है, ऐसे में जाखड़ के लिए अपनी बेटी को इस पद पर काबिज कराना आसान नहीं होगा। कांग्रेस का बोर्ड बनने और मारवाड़ के कद्दावर नेता रहे स्व. परसराम मदेरणा की पुत्रवधू लीला मदेरणा के जीतने की स्थिति में जाखड़ के लिए बेटी के लिए यह पद पाना आंख से काजल चुराने जैसा होगा।
नाराजगी जताने के पीछे जिला प्रमुख चुनाव में तवज्जो पाने की मंशा!
जिला परिषद चुनाव में अपने कुछ समर्थकों के टिकट कटने से जाखड़ कांग्रेस द्वारा नियुक्त जिला प्रभारियों से खफा है। मंगलवार को उन्होंने सीएम अशोक गहलोत की सराहना करते हुए संतुलित लफ्जों में नाराजगी प्रकट की थी। जानकारों का कहना है, कि ऐसा करके उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधे है। इससे जिला परिषद में कांग्रेस का बोर्ड बनने की स्थिति में उन्हें तवज्जो मिलने की संभावना रहेगी।
आरएलपी ने निर्दलियों को समर्थन दिया तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेगी
आरएलपी ने खुद के उम्मीदवार मैदान में नहीं होने पर अब निर्दलियों को समर्थन देने के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग ने कहा, कि इस संबंध में पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल से चर्चा कर कोई निर्णय किया जाएगा। अगर आरएलपी द्वारा निर्दलियों को समर्थन दिया जाता है तो जाट समुदाय में गहरी पैठ रखने वाली आरएलपी कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
कांग्रेस के दबाव में खारिज हुए पर्चे, आज कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन: बेनीवाल
पीपाड़ से 18 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हाेने पर आरएलपी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इशारे पर समय रहते सिंबल जमा करवाने के बावजूद एसडीएम ने सिंबल नहीं लिए। जानबूझकर पार्टी उम्मीदवारों के नामांकन खारिज किए गए, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है। उन्हाेंने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया में भी सत्ता का दुरुपयोग करके सीएम के गृह जिले में जो कृत्य किया गया उसकी लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक पुखराज गर्ग ने बताया कि इसके विराेध में जोधपुर में कलेक्ट्रेट के बाहर गुरुवार सुबह 11 बजे प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन साैंपा जाएगा।
इधर, वायरल ऑडियाे से भाजपा में बढ़ी गुटबाजी
शेखावत मानते हैं राजपूत लीडर वे ही, मुझे हटा एकतरफा हो जाएंगे: राठौड़
केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत व पूर्व विधायक बाबूसिंह राठाैड़ में विस चुनाव से ठन गई थी। अब पंचायत चुनाव में दाेनाें के कार्यकर्ता आमने-सामने हाे गए। दाे दिन पहले बाबूसिंह राठाैड़ का एक ऑडियाे भी जारी हुआ, जिसमें एक कार्यकर्ता के पूछे गए सवाल पर कहते हैं कि मैं पूरी तरह थक चुका हूं, सिंबल बदलने के बारे में मुझे भी नहीं बताया, अगर बता देते ताे फिर मैं लड़ लेता।
इस ऑडियाे में राठाैड़ शेखावत का नाम लेकर यह भी कहते हैं कि वाे यह मानते हैं कि राजपूत लीडर वे ही रहेंगे, बाबूसिंह काे खत्म कर दाे ताे जाेधपुर में वाे एकतरफा हाे जाएंगे, मैंने ताे पहले ही कह दिया कि इस बार कार्यकर्ता जिसकाे कहेंगे, उसे टिकट दिलवाएंगे। सवाईसिंह इंदा काे कहेंगे ताे वह भी मंजूर हाेगा, एमपी साहब काे 9 टिकट, मुझे 8 टिकट की बात तय हुई, लेकिन सर्वसम्मति से तय हुए टिकट कट गए, टिकट ऊपर से आ गए ताे मेरी भी हिम्मत टूट गई।