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ऑटो:लंबे सफर पर जा रहे हैं तो जंपर केबल, स्टेपनी और जैक से लेकर व्हील चॉक तक इन 10 टूल्स को रखें साथ, मुश्किल में फंसने से बचेंगे

कोरोना संकट के कारण कई जगहों पर दोबारा लॉकडाउन लग चुका है। ऐसे में ऑफिस से लेकर दुकानें तक लगभग सब कुछ बंद है। ऐसी स्थिति में भी अगर आपको जरूरी काम से बाहर जाना पड़े, तो सावधानी के तौर पर पहले ही पूरी तैयारी कर लें, ताकि अगर बीच रास्ते में कार खराब हो जाए तो दूसरों से मदद मांगने से पहले हम खुद उस स्थिति से निपट सके। हमने कुछ ऐसे ही टूल्स की लिस्ट तैयार की है, जिनका सफर के दौरान गाड़ी में होने बेहद जरूरी है….

घर से निकलने से पहले कार का टायर प्रेशर चेक करके ही निकले। फिर भी अगर रास्ते में टायर पंक्चर हो जाए, हवा कम हो जाए या निकल जाएं, तो आपकी गाड़ी में एयर कम्प्रेसर होना बेहद जरूरी है। आजकल ज्यादातर गाड़ियों में कंपनी फिटेड ट्यूबलेस टायर्स आ रहे है, जिनमें पंक्चर होने पर तुरंत हवा नहीं निकलती। ऐसे स्थिति में टायर में दोबारा हवा भरकर सफर शुरू किया जा सकता है या किसी मैकेनिक की दुकान तक पहुंचा जा सकता।

यह किट काफी किफायती होती है और ऑनलाइन भी आसानी अवेलेबल है। सफर के दौरान अगर कार पंक्चर हो जाए, तो पांच से दस मिनट में ट्यूबलेस टायर का पंक्चर रिपेयर किया जा सकता है। इसके लिए किसी एक्सपर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। पंक्चर रिपेयर करने के बाद कार में रखे एयर कम्प्रेसर से दोबारा हवा भरकर सफर शुरू किया जा सकता है।

कार में पुरानी बैटरी है, जिसे लॉकडाउन के कारण बदलवा नहीं पाए, तो सावधानी के तौर पर कार में जंपर केबल जरूर रख लें। बीच सफर में यदि बैटरी बंद हो जाए या किसी कारण से डिसचार्ज हो जाए, तो किसी दूसरी कार की बैटरी में केबल जंपर लगाकर डिसचार्ज हो चुकी बैटरी को दोबारा स्टार्ट किया जा सकता है।

बे सफर के दौरान, एक एक्स्ट्रा टायर (जिसे आमतौर पर स्टेपनी भी कहते हैं) कार में रखना ही समझदारी होगी। न सिर्फ स्टेपनी बल्कि टायर बदलने में इस्तेमाल होने वाले अन्य टूल जैसे जैक और अन्य औजार भी कार में रख लें। ताकि मुसीबत के समय खुद ही टायर बदला जा सके। ध्यान रहें कि स्टेपनी की कंडीशन भी अच्छी हो।

कार में सेफ्टी के लिहाज से छोटा सा फायर एक्सटिंग्यूशर होना भी जरूरी है। कई बार वायरिंग में खराबी के चलते शॉर्ट सर्किट या आग लग जाती है। ऐसे में अगर कार में फायर एक्सटिंग्यूजर होगा, तो समय रहते आग पर काबू पाकर बड़े हादसे से बचा जा सकेगा।

लंबे सफर के दौरान कार में इमरजेंसी ट्रायंगल रख लेना चाहिए। कार खराब होने के दौरान इसे कार के पास रखा जाता है ताकि रास्ते से निकल रहे अन्य वाहनों को अलर्ट मिल सके ताकि कोई हासदा न हो। इसमें लाल रंग के रिफ्लेक्टर लगे होते हैं, जिससे अन्य वाहनों को दूर से ही अलर्ट मिल जाता है ताकि समय रहते वो अपने रफ्तार कम कर ले और दूरी बना लें। वहीं, टॉर्चलाइट इसलिए जरूरी है ताकि रात के अगर कार में कोई खराबी आ जाए तो उसे लाइट की मदद से चेक किया जा सके।

जब कार खराब हो जाए और उपाय करने के बाद भी अगर स्टार्ट नहीं हो रही हो, तो ऐसे में कार टो (खींच के) करके सर्विस सेंटर या गैराज तक ले जाना ही आखिरी विकल्प रह जाता है। लेकिन उसके लिए जरूरी है आपके पास एक मजबूत टो केबल हो जो टूटे ना वरना और काम बिगड़ जाएगा। इसलिए लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं, तो बेहतर होगा कि एक अच्छी क्वालिटी की टो केबल कार में जरूर रख लें

कार में मिनी टूल किट होना बेहद जरूरी है। क्योंकि सफर के दौरान कार बंद हो जाए और ऐसी स्थिति में कोई पार्ट्स खोलना पड़ जाए, तो आपको दूसरों निर्भर न होना पड़े। क्या पता लॉकडाउन और कोरोना के डर से कोई आपकी मदद करे न करे।

यह भले ही दिखने में छोटा सा टूल है लेकिन मुसीबत में यह आपकी जान बचा सकता है। यह दोनों ही चीजें एक ही डिवाइस में मिल जाती। इसमें आगे की तरफ नुकिला पार्ट रहता है जिससे इमरजेंसी में आसानी से कार के कांच तोड़े जा सकते हैं, वहीं पीछे की तरफ धारदार ब्लेड लगी होती है, जिससे सीट बेल्ट आसानी से काटा जा सकता है। लंबे सफर के दौरान कार में यह टूल होना जरूरी है, क्योंकि मुसीबत बोल कर नहीं आती।

इसे भी सेफ्टी टूल के तौर पर देखा जा सकता है। यह खासतौर पर ऐसे समय काम आएगा जब कार ढलान वाली सतह पर चढ़/उतर रही हो और अचानक बंद हो जाए। ऐसे समय में आसपास ईंट-पत्थर ढूंढने में समय बर्बाद करने के बजाए तुरंत व्हील चॉक का इस्तेमाल करें ताकि ढलान पर गाड़ी स्थिर खड़ी रहे लुढके ना।

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