फिर कटौती शुरू:चार दिन में ही 7 करोड़ यूनिट खपत बढ़ी; 23 को 6 करोड़ यूनिट खपत होने से कटौती बंद कर दी थी
जयपुर प्रदेश में बारिश का दौर थमते ही पिछले दो दिन से बिजली की डिमांड 700 लाख यूनिट तक बढ़ गई है। इससे गांवों व कस्बों में अघोषित कटौती शुरु हो गई है। बिजली की डिमांड व सप्लाई में असंतुलन के बाद ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ मीटिंग ली और समीक्षा की। मीटिंग में वित्त व ऊर्जा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रदेश में मानसून की कमी से बिजली की खपत पिछले साल की तुलना में करीब 700 लाख यूनिट रोजाना तक बढ़ गई है।
पिछले वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ते हुए बिजली की खपत 3107 लाख यूनिट प्रतिदिन और डिमांड 14690 मेगावाट तक पहुंच गई है। बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि कोल इंडिया के अधिकारियों व केंद्रीय मंत्रालय से समन्वय कर कोयले की आपूर्ति को बढाने के प्रयास कर रहे है। गत दिनों में मिल रही 3-4 रैक्स की संख्या को बढ़ाकर 11-12 रैक्स तक उपलब्ध करवाई जा रही है।
कोयला नहीं होने से 2500 मेगावाट बिजली उत्पादन बंद
बिजलीघरों में कोल इंडिया लिमिटेड से कोयला की सप्लाई नहीं होने से 2500 मेगावाट का विद्युत उत्पादन नहीं हो रहा है। उत्तरी भारत में बिजली उत्पादन प्रभावित होने से ओपन मार्केट में बिजली की रेट 17-18 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई है। जबकि पहले औसत रेट 3-4 रुपए प्रति यूनिट तक थी। एक्सचेंज से भी बिजली नहीं मिल पा रही है।