हाथ में लैपटॉप, बगल में AK-47, पढ़ाई जीरो… यह हैं तालिबानी ‘रिजर्व बैंक’ के मुखिया
काबुल । अफगानिस्तान पर खूनी कब्जा करने के बाद पाई-पाई के लिए तरस रहे तालिबान ने काले धन को सफेद करने वाले हाजी मोहम्मद इदरिस को देश के सेंट्रल बैंक दा अफगानिस्तान बैंक (DAB) का मुखिया नियुक्त किया है। तालिबानी आतंकियों ने इस नियुक्ति के जरिए देश के बैंकों को आश्वासन दिया है कि वे एक पूरी तरह से संचालित वित्तीय व्यवस्था चाहते हैं। इस बीच हाजी मोहम्मद इदरिस की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। इसमें वह एक तरफ लैपटॉप के जरिए शीर्ष बैंक की ‘कमान’ संभाले नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी टेबल पर एके-47 जैसी राइफल रखी हुई है।
हालांकि तालिबान ने अभी तक ये नहीं बताया है कि पैसे की आपूर्ति का इंतजाम कैसे होगा। पिछले दिनों तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने इदरिस के नियुक्ति का ऐलान किया था। जबीउल्ला ने बताया था कि इदरिस देश के शीर्ष बैंक के कार्यकारी चीफ होंगे। उसने कहा था कि इदरिस सरकारी संस्थानों को संगठित करेंगे, बैंकिंग से जुड़े मुद्दों को सुलझाएंगे और लोगों की समस्याओं को कम करेंगे। राइफल लिए इदरिस की वायरल तस्वीर से साफ झलक रहा है कि वह किस तरह से समस्याओं का समाधान करेंगे।
‘तालिबान के काले धन को सफेद करता है इदरिस’
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इदरिस को लेकर चेतावनी दी थी कि तालिबान ने काले धन को सफेद करने वाले व्यक्ति को देश के शीर्ष बैंक का चीफ बनाया है। सालेह ने पिछले दिनों कहा था, ‘काले धन को सफेद करने वाला इदरिस अलकायदा समर्थकों और तालिबान के बीच पैसे की लेन-देन की सुविधा मुहैया कराता था।’ उन्होंने कहा कि आतंकी गुट अफगानिस्तान पर कब्जा कर रहे हैं।
‘इदरिस ने धार्मिक किताबें भी नहीं पढ़ी है लेकिन बैंकिंग का विशेषज्ञ’
एक तालिबानी ने बताया कि इदरिस ने धार्मिक किताबें भी नहीं पढ़ी है लेकिन वित्तीय मामलों का विशेषज्ञ है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानी राज आने के बाद जनता पैसे निकालने के लिए जूझ रही है। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और सरकार ने सीमा लगा दी है कि एक निश्चित सीमा से ज्यादा पैसे नहीं निकाला जा सकता है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के अरबों डॉलर फ्रीज कर दिए हैं जिससे डॉलर की किल्लत हो गई है। बैंकों के पास देने के लिए पैसे ही नहीं है। अब तालिबान चीन से गुहार लगा रहा है कि उसे पैसे दे ताकि देश को चलाया जा सके।