Thu. May 1st, 2025

उदयपुर में रुक-रुककर बारिश जारी:सोमवार सुबह तक खोले जा सकते पिछोला के गेट, कोटड़ा में सबसे ज्यादा 112 एमएम बारिश; रविवार शाम को छलका छोटा मदार

उदयपुर में रविवार को भी रूक-रूककर बारिश का​ सिलसिला जारी रहा। कैचमेंट इलाको में हुई बारिश के बाद सीसारमा से पिछोला झील के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार रात तक यूं हीं बारिश का सिलसिला जारी रहा तो सोमवार सुबह तक गेट खोलकर फतहसागर में पानी डायवर्ट किया जा सकता है। रविवार सुबह तक बीतें 24 घंटो में जिले के कोटड़ा में सबसे ज्यादा 112 एमएम बारिश हुई । रविवार शाम को छोटा मदार भी छलक गया। जिसके बाद फतहसागर में अब पानी पहुंचने लगेगा।

मौसम विभाग के जारी आंकड़ो के अनुसार झाड़ोल में 30 एमएम, ओगणा में 25 एमएम, गोगुंदा में 45 एमएम बारिश दर्ज की गई है। उदयपुर में पिछोला झील को भरने वाली सीसारमा नदी के करीब दो फीट चल रही है। इसके बाद पिछोला का जलस्तर 9 फीट हो चुका है। माना जा रहा है कि रविवार रात ​बारिश का दौर बना रहा तो रविवार देर रात या सोमवार सुबह तक 10 फीट होते ही पिछोला के गेट खोलकर पानी को डायवर्ट किया जाएगा। बड़ा मदार भी 23 फीट भरकर छलकने से मात्र एक फीट दूर था, ऐसे में रविवार शाम तक यह तालाब भी लबालब होकर ओवरफ्लो हो गया। अब धीरे-धीरे फतहसागर में पानी की आवक शुरू हो गई है। वहीं उदयसागर झील भी भराव क्षमता से करीब 6 फीट खाली है।

लगातार झमाझम बारिश से जिले भर में कई नदी नाले उफान पर है। जयसमंद को भरने वाली 9 नदी 99 नालो में झामरी, रूपारेल व गोमती नदी में अच्छी पानी की आवक जारी है। जावर माइंस क्षेत्र में देर रात अदवास- पलोदडा मार्ग बंद हो गया। मेवल क्षेत्र को जोड़ने वाले अदवास-पलोदडा मार्ग पर चांद घाटी पर पहाड़ों की चट्टाने दरकने से मार्ग बाधित हो गया। इसके चलते आवागमन का मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया। केवडे की नाल में भी पहाड़ों से झरने बहने लगे है। खेरवाड़ा की सोम नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। जवासा पुलिया पर बड़ी तादाद में ग्रामीण बहाव देखने जमा हो गए। जिले की सबसे बड़ी नदी कही जाने वाली सोम में भी पानी की अच्छी आवक हुई है।

कोटडा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से इलाके के नदी-एनिकट छलक गए है। कोटड़ा में इस सीजन की सबसे ज्यादा बारिश शनिवार को हुई है। वल्लभनगर के कानोड में भी जोशीला तालाब रविवार सुबह छलक गया। तालाब किनारे बने गार्डन में भी पानी भर गया। यही नहीं कानोड़ थाने के पास भी सड़के पूरी तरह जलमग्न हो गई।

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