मानसून की बेरुखी से कम हो गया था सभी झरनों में पानी, एक बार फिर अपनी खूबसूरती दिख रहे भीलवाड़ा के झरने

भीलवाड़ा जिले में मानसून सत्र में एक बार फिर से सभी पर्यटन क्षेत्रों की रौनक को बढ़ा दिया है। अगस्त माह में मानसून की बेरुखी के चलते यहां के प्रसिद्ध सभी झरनों में पानी की गति कम हो गई थी। जिसके कारण वहां पर्यटकों की संख्या अचानक से ही घट गई थी। पिछले 7 दिनों से क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते मेनाल, सेवन फॉल, भड़क व भीमलत सहित सभी झरनों में पानी की आवक तेज हो गई है। अभी भी जिले के ऊपरी हिस्सों में अच्छी बारिश जारी है। उम्मीद है कि इस बारिश से जिले के इन सभी झरनों में पानी की आवक लंबे समय तक जारी रहेगी। जिससे एक बार फिर से पर्यटक को यह झरने लुभाएंगे।

जिले में मानसून सत्र की बात करें तो अगस्त महीने के अंत तक जिले में मानसून की औसत बारिश की 50 प्रतिशत बारिश ही जिले में हुई थी। इसके कारण आधा जिला सूखे की मार झेल रहा था। लेकिन सितंबर में मानसून ने अपनी करवट बदली और पिछले 7 दिनों से जिले के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश का दौर चल रहा है। इसके चलते सभी तालाबों एवं बांधों में भी पानी की आवक शुरू हो चुकी है। 12 सितंबर तक के मानसून सत्र की बात करें तो जिले में 456 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। जिले में यह औसत बारिश की 73 प्रतिशत है।
तहसीलवार बारिश की स्थिति
जिले के आसींद में 385 एमएम, बदनोर में 420 एमएम, बनेड़ा में 546 एमएम, भीलवाड़ा मुख्यालय पर 398 एमएम, हमीरगढ़ में 471 एमएम, हुरड़ा में 621 एमएम, जहाजपुर में 562 एमएम, कोटडी में 650 एमएम, मांडल में 520 एमएम, करेड़ा में 492 एमएम, मांडलगढ़ में 727 एमएम, रायपुर में 392 एमएम, सहाड़ा में 308 एमएम, शाहपुरा में 458 एमएम, फुलिया कला में 401 एमएम व बिजौलिया में 678 एमएम बारिश 12 सितम्बर तक दर्ज की जा चुकी है।