अजमेर की पेयजल योजनाओं का राग, महज एक मसानी बैराग:अजमेर की प्यास बुझाने के लिए 3 दफा बनी मसानी बैराग जैसी योजनाएं, मगर नहीं मिला चंबल से पानी

अजमेर जिले में बार-बार होते जल संकट को खत्म करने के लिए सिंचाई और जलदाय विभाग ने 7 सालों में 3 योजनाओं पर काम किया। मगर तीनों योजनाओं का हश्र मसानी वैराग्य की तरह ही हुआ। जब-जब बांध में बारिश से पर्याप्त पानी नहीं आया, तब-तब चंबल का पानी लाने की योजनाओं पर चर्चा हुई, मगर जैसे ही बांध में अच्छी बारिश से पानी आया, तब-तब इन योजनाओं को डीपीआर बनने के बावजूद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
जबकि हकीकत यही है कि अजमेर, जयपुर और टोंक की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में पानी की आवक उसके कैचमेंट एरिया में होने वाली बारिश पर ही निर्भर करती है। इसलिए बांध में चंबल का पानी लाने की सख्त जरूरत है। दैनिक भास्कर की इस पर विशेष रिपोर्ट।
चंबल-अजमेर जलप्रदाय परियोजना 2018
2018 में चंबल-अजमेर जल प्रदाय योजना की डीपीआर बनाई गई तो इसकी लागत 5170 करोड़ सामने आई। इसमें भैंसरोडगढ़ से वाया केकड़ी और यहां से नसीराबाद तक पानी लाने पर विचार किया गया। इससे चंबल का पानी बीसलपुर बांध के बजाए सीधे नसीराबाद लाया जा सकता था। मगर 2019 में पानी की आवक के बाद योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
ब्राह्मणी बीसलपुर लिंक परियोजना 2014 और 2018
ब्राह्मणी बीसलपुर लिंक परियोजना में 2014 और 2018 में इस योजना में चित्तौड़ के बेगू में ब्राह्मणी नदी पर बांध का निर्माण कर पानी को डायवर्जन करने की योजना बनाई गई। मुख्यमंत्री की 2014-15 और बाद में 2018-19 की बजट घोषणा में भी जिक्र था। मै. पीडी कोर लि. जयपुर ने इसके लिए पौने पांच करोड़ की डीपीआर भी तैयार की। जिसमें इस कार्य की लागत करीब 6 हजार करोड़ आंकी गई। 2019 में बांध में पानी आने से जल संकट टलने के साथ-साथ योजना को भी टाल दिया गया।
अब… नवनेरा बांध से बीसलपुर में पानी लाने की योजना
अब कोटा के कालीसिंध पर बने नवनेरा बांध से बीसलपुर बांध तक चंबल का पानी लाने पर तैयारियां की जा रही है। सिंचाई इंजीनियरों का कहना है कि करीब 200 किमी पानी लिफ्ट करक और ग्रेविटी से बीसलपुर तक लाया जाएगा।
अजमेर, जयपुर और बाद में टोंक लेने लगा बांध का पानी
1995 में बांध से पानी लेने की शुरुआत अजमेर ने ही की थी, माना जा रहा था कि बीसलपुर योजना अजमेर की पेयजल व्यवस्था के लिए ही है। मगर इसके बाद जयपुर और बाद में टोंक को भी इससे पानी दिए जाने लगा।
अब नवनेरा बांध से चंबल का पानी बीसलपुर बांध तक लाने की योजना पर काम चल रहा है। हमारे इंजीनियर सर्वे रिपोर्ट, प्रोजेक्ट रूट और पानी के फ्लो का अलाइनमेंट तैयार कर रहे हैं। -रवि सोलंकी, चीफ इंजीनियर, सिंचाई विभाग, अजमेर