बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक नए लाे-प्रेशर सिस्टम का रहेगा असर, जिले की 13 में से 8 तहसीलों में औसत से अधिक बारिश

नागाैर बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक नए लाे-प्रेशर सिस्टम के असर से अजमेर संभाग में मानसून असर दिखेगा। शहर में गुरुवार को दिनभर धूप, उमस के बीच आसमान में बादल छाए रहे। मगर जिले में बारिश नहीं हुई। उमस के चलते दिन का अधिकतम तापमान 36 डिग्री जा पहुंचा। वहीं रात का न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री दर्ज किया गया। माैसम विभाग की ओर से 17 व 18 सितंबर तक अजमेर संभाग के जिलाें में भारी बारिश हाेने की संभावना बताई है। इधर, जिले में अब तक 426 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
जिले में 13 में से 8 तहसीलों में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जिले में सर्वाधिक बारिश 687 एमएम मेड़ता तो 565 एमएम मकराना में दर्ज की गई। सबसे कम बारिश खींवसर में हुई, जहां मात्र अब तक 259 एमएम ही बारिश हुई। जिसके चलते अधिकतर क्षेत्र में किसानों की फसलें बिन बारिश तबाह हो गई।
अत्यंत कम दबाव के चलते सक्रिय होगी बारिश
माैसम विभाग जयपुर के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा के अनुसार वर्तमान में छत्तीसगढ़ ओर आसपास के उड़ीसा क्षेत्र के ऊपर एक अत्यंत कम दबाव का क्षेत्र यानी डिप्र्रेशन बना हुआ है। इसके अगले 24 घंटों में छत्तीसगढ़, मप्र. से होते हुए पूर्वी राजस्थान की और आगे बढ़ने की मजबूत संभावना है। इस नए सिस्टम का असर पहले पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में शुरू होगा। इसके बाद 18 एवं 19 सितंबर को इस सिस्टम का सर्वाधिक असर रहेगा। इस दौरान अजमेर और उदयपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है।