सरकार ने कई आईएएस अफसरों को फिर उन्हीं महकमों की जिम्मेदारी सौंपी, जिनकी वे पहले भी संभाल चुके कमान
जयपुर सरकार ने तबादला सूची में कुछ आईएएस अफसरों को वापस उन्हीं महकमों में तैनाती दी है, जिनमें वे पहले भी काम कर चुके हैं। ज्यादातर महकमे ऐसे हैं जो वित्तीय रूप से सरकार के लिए काफी चुनौती भरे हैं। आईएएस सिद्धार्थ महाजन को फिर से वित्त (बजट) की कमान दी गई है। वे पिछली वसुंधरा सरकार के समय भी लंबे समय तक यह काम संभाल चुके हैं।
उस वक्त सरकार की वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण थी। सरकार को उदय योजना के तहत बिजली कंपनियों का करीब 60 हजार करोड़ का लोन भी टेकओवर करना पड़ा था। भाजपा सरकार में डिस्कॉम चेयरमैन रह चुके भास्कर ए सावंत को दोबारा वही जिम्मेदारी दी है। सावंत ने डिस्कॉम की वित्तीय हालत सुधारने के लिए अच्छा काम किया था। अब सावंत डिस्कॉम चेयरमैन के साथ ही राजस्थान विद्युत प्रसारण कंपनी के सीएमडी व ऊर्जा विकास निगम के एमडी का काम भी देखेंगे।
33 महीने में डिस्कॉम में बदल चुके हैं पांच चेयरमैन
कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद दिसंबर-2018 में नरेशपाल गंगवार को ऊर्जा विभाग का प्रमुख सचिव व डिस्कॉम चेयरमैन लगाया था, लेकिन नौ माह बाद ही उन्हें हटाकर कुंजीलाल मीना को प्रमुख सचिव बना दिया। मीना सितंबर 2019 से चेयरमैन का कामकाज करने ही लगे थे कि फरवरी में उन्हें ऊर्जा से हटाकर खान व पेट्रोलियम विभाग में भेज दिया। उनकी जगह सीएमओ से आए अजिताभ शर्मा को नवंबर-2020 में ऊर्जा विभाग व डिस्कॉम का काम दिया।
शर्मा को भी अप्रैल 2021 में हटाकर प्रसारण निगम के सीएमडी दिनेश कुमार को ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी दी। अब दिनेश कुमार को हटाकर भास्कर ए सावंत को जिम्मेदारी सौंपी है। ऊर्जा विभाग में पहली बार किसी एसीएस को कमान दी गई है। अक्षय ऊर्जा को लेकर सुबोध अग्रवाल और दिनेश कुमार के बीच फाइलों के रूट को लेकर विवाद भी सामने आ चुका है। बिजली कुप्रबंधन के कारण 20 रु. यूनिट तक बिजली खरीदनी पड़ी, जिसके शिकार दिनेश कुमार हो गए।
विनीता 23 साल बाद अजमेर से बाहर
रेवेन्यू बोर्ड की सदस्य विनीता श्रीवास्तव को आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा पद्धति विभाग में लगाया है। विनीता की पिछले 23 साल से अजमेर में ही कई विभागों में पोस्टिंग रही है। वे पिछले पांच साल से रेवेन्यू बोर्ड में हैं तथा आयुर्वेद विभाग में एडिशनल डायरेक्टर भी रह चुकी हैं।
जल जीवन: प्रोग्रेस नहीं, लगाया मिशन डायरेक्टर
प्रदेश में हर घर नल कनेक्शन योजना के जल जीवन मिशन में मौजूदा वित्तीय साल में केवल 5% ही प्रोग्रेस आई है। इसको देखते हुए सरकार ने डाॅ. पृथ्वीराज को सचिव जल संसाधन के अलावा मिशन डायरेक्टर की भी जिम्मेदारी दी है।
पहले विवाद, फिर तबादला : जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन महाजन का स्थानांतरण सबसे अधिक चर्चा में है। 33 महीने बाद उन्हें जयपुर से हटाकर सीधे अजमेर भेज दिया। बताया जा रहा है कि परवन प्रोजेक्ट को लेकर मामला ऊपर तक पहुंच गया था। इसके बाद उन्हें हटाया गया है। इसी तरह से दवा खरीद को लेकर बार-बार विवाद सामने आया, जिसके बाद आईएएस आलोक रंजन काे एमडी चिकित्सा सेवाएं निगम लिमिटेड के पद से हटा दिया गया है।