इमरान खान ने छेड़ा कश्मीर राग, भारत बोला- खाली करो PoK
दिल्ली । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की सालाना बैठक को संबोधित किया। उम्मीद के मुताबिक, इमरान खान ने अफगानिस्तान का मुद्दा छेड़ा और वहां की तालिबानी सरकार की वकालत की। इमरान खान ने कहा कि यदि तालिबान सरकार को मान्यता देकर मजबूत नहीं किया गया तो अफगानिस्तान आतंकियों का गढ़ बन जाएगा। यही नहीं, इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कश्मीर और आतंकवाद पर एक-एक कर झूठ बोला। इमरान खान के मुताबिक, अफगानिस्तान के बाद यदि किसी देश ने आतंकवाद का सामना किया है तो वह पाकिस्तान है। उन्होंने कहा, दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है।
भारत ने राइट टू रिप्लाय के तहत दिया जवाब
यूएन में भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने इमरान खान के झूठ को साफ शब्दों में जवाब दिया। स्नेहा ने कहा, भारत को पाकिस्तान पर दया आती है। वह हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाता है और हर बार मुंह की खाना पड़ती है, क्योंकि कोई और देश उसका साथ नहीं देता है। भारत ने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर इमरान खान झूठ बोल रहे हैं। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान में आतंकवादी तैयार किए जाते हैं और पड़ोसी देश पर हमले किए जाते हैं।
भारतीय राजनयिक ने आगे कहा, ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली। आज भी पाकिस्तान के नेता उसे शहीद के रूप में महिमामंडित करते हैं। पाकिस्तान को खुले तौर पर आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें हथियार देने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
खाली करो PoK
स्नेहा दुबे ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध (PoK) कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।
भारत ने जूनियर अधिकारी से दिलवाया जवाब
भारत ने इमरान खान की बातों को कितना महत्व दिया, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी बातों का जवाब देने के लिए एक जूनियर महिला अधिकारी को चुना गया। इससे यह संदेश गया कि भारत इमरान खान की बातों को तवज्जो नहीं दे रहा है। अब आज शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा। पीएम मोदी का भाषण का स्तर बिल्कुल अलग होगा। वे दुनिया की भलाई की बात करेंगे, ना कि इमरान खान की तरह कश्मीर मुद्दा उठाएंगे या तालिबान का समर्थन करेंगे।