प्रदेश के राजस्व कार्मिकों का प्रदर्शन जारी:राजस्व मंडल के बाहर अनशन; तीसरे दिन टोंक के कार्मिक हुए शामिल, मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगा आन्दोलन
अजमेर के राजस्व मंडल के बाहर प्रदेश के राजस्व कार्मिकों की ओर से धरना-अनशन तीसरे दिन भी जारी है। राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले तहसीलदार सेवा परिषद, कानूनगो संघ और पटवार संघ की ओर से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुए क्रमिक रूप से आन्दोलन किया जा रहा है। राजस्व कार्मिकों की हड़ताल के कारण प्रशासन शहरों व गांव के संघ अभियान का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
अजमेर ज़िलाध्यक्ष विनोद रतनू ने बताया कि आज के धरना प्रदर्शन में टोंक जिले के समस्त राजस्व कर्मी धरने में शामिल हुए। तहसीलदार संघ से सुरेन्द्र सिंह खंगारोत, अरविंद कविया, प्रीति चौहान, शीला चौधरी, अजमेर पटवार संघ ज़िलाध्यक्ष विनोद रतनू, टोंक पटवार संघ अध्यक्ष हीरालाल यादव और टोंक कानूनगो संघ ज़िलाध्यक्ष रामदास माली आदि कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्मिकों ने बताया कि धरना प्रदर्शन और अनशन का कार्यक्रम तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार राजस्व सेवा परिषद की सात सूत्री माँगे नहीं मान लेती। सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान में भी लोगों के रूटिन काम नहीं हो रहे। जिससे परेशानी हो रही है। इसकी समस्त जिम्मेदार सरकार है। मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय किया जाना चाहिए।
यह है मुख्य मांगे
- राजस्व सेवा परिषद एवं घटक संघों के साथ समय समय पर हुए समझौते की क्रियान्विति के आदेश किए जाए
- पटवार संघ के साथ 3 जुलाई 2021 को हुए समझौते के आदेश हो
- नगर निकायों के पट्टे का पंजीयन अधिकार पूर्व की भांति उप पंजीयक को दिए जाएं
- नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित घोषित करते हुए इन पदों की भर्ती शत प्रतिशत पदोन्नति से की जाए, तहसीलदार के 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से एवं 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाए
- सभी घटकों के कैडर स्ट्रेंथ में नवीन पदों का सृजन किया जाए
- कोटा संभाग एवं सवाई माधोपुर जिले के राजस्व कर्मियों के आंदोलन अवधि के समय को असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में परिवर्तित किया जाकर वेतन भुगतान किया जाए
- परिषद कर घटक संगठनों के समस्त कार्मिकों के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाई जाए