सचिन बोले- हमेशा कोई पद पर नहीं रहता, लोगों में यह घमंड आ जाता है कि जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता में रहेंगे, यह गलत है
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने लखीमपुर खीरी की घटना पर बीजेपी नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए इशारों में सीएम अशोक गहलोत को भी जवाब दे दिया। पायलट ने टोंक में कहा कि पद पर बैठा व्यक्ति भी इंसान है। हमेशा कोई पद पर रहता भी नहीं है। यह जनता है, जितना समय आप दोगे, सिंहासन पर बैठोगे। जब जनता करवट बदलती है, तो इतनी जोर की पलटी पड़ती है कि आदमी को पता ही नहीं पड़ता क्या हो रहा है, लेकिन जिन लोगों के अंदर यह घमंड और अहंकार आ जाता है कि हम जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता में बैठे रहेंगे, मैं समझता हूं कि वो गलत हैं।
मंगलवार शाम टोंक में एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट के इस बयान की सियासी हलकों में चर्चा है। यह बयान भले लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए उसके बीच में दिया गया, लेकिन इशारा योगी से ज्यादा अशोक गहलोत की तरफ माना जा रहा है। पायलट ने किसी का नाम लिए बिना ये सब कहा है जो गहलोत के संदर्भ में भी सही बैठता है। पायलट ने लखीमपुर खीरी की घटना की सुप्रीम कोर्ट जज से जांच की मांग करते हुए किसानों के साथ हुई हिंसा पर बीजेपी को निशाने पर लिया।
गहलोत ने कहा था- मेरा अभी 15-20 साल कुछ नहीं बिगड़ेगा, सरकार पूरे पांच साल चलेगी और रिपीट होगी
2 अक्टूबर को सीएम निवास पर गांधी जयंती पर हुए कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने पायलट कैंप को निशाने पर लेते हुए जमकर तंज कसे थे। सीएम गहलोत ने कहा था कि मेरा अभी 15 से 20 साल कुछ नहीं बिगड़ेगा। मुझे अब कुछ होने वाला नहीं है। किसी को दुखी होना हो तो हो। सरकार पूरे पांच साल चलेगी, आगे फिर रिपीट होगी और अगली बार मैं फिर से शांति धारीवाल को यूडीएच मंत्री बनाउंगा। एंटी इंकंबसी कहीं नहीं हैं। हमारी पार्टी के लोग जरूर कभी-कभार लेफ्ट राइट कर जाते हैं।
गहलोत ने भी बीजेपी की आड़ लेकर पायलट कैंप को निशाने पर लिया था, अब पायलट ने भी वहीं रणनीति अपनाई
2 अक्टूबर को सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी की आड़ लेकर पायलट कैंप पर हमला बोला था। अब माना जा रहा है कि सचिन पायलट ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया है। राजनीतिक जानकार पायलट के बयान को दोतरफा वार मानकर चल रहे हैं। पायलट के भाषण में संदर्भ यूपी का था, लेकिन जिस वक्त हमेशा पद पर रहने के घमंड वाला बयान दिया उस वक्त पायलट ने योगी, मोदी या किसी बीजेपी नेता का नाम नहीं लिया। इस बयान के पहले और बाद में संदर्भ लखीमपुरखीरी का लिया, लेकिन किसी का नाम नहीं लेकर पायलट ने दोतरफा वार कर दिया। एक बयान से बीजेपी पर भी वार कर दिया। गहलोत की बात का भी जवाब हो गया। नाम नहीं लेने से मायने निकालने की छूट मिल गई।