पायलट समर्थक विधायक के बड़े सियासी संकेत:हरीश चंद्र मीना बोले- मैं गहलोत और पायलट के साथ नहीं, मैं मेरी जनता के साथ हूं

टोंक सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम में चल रही राजनीति खींचतान के बीच निवाई विधायक के बाद शुक्रवार को उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीना का बड़ा बयान सामने आया है। इसको लेकर प्रदेश की सियासत में नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। देवली में पायलट समर्थक विधायक मीना से पूछे गए सवाल आप सीएम गहलोत के साथ है या फिर सचिन पायलट के साथ है पर बोले कि मैं किसी (सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम) के साथ नहीं हूं। मैं मेरी जनता के साथ हूं। सीएम अशोक गहलोत के दिल्ली आलाकमान के पास जाने के मामले में विधायक हरीश चंद्र मीना ने कहा कि मुझे इस मामले को जानकारी नहीं है, मुझे तो मेरी जनता ने बुलाया है। इसलिए मैं गुरुवार से ही मेरे विधानसभा क्षेत्र में हूं। दिल्ली में राजस्थान को लेकर क्या चल रहा है, मंत्रिमंडल विस्तार में किसको मंत्री बनाया जा रहा या नहीं। इन सब के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। जिस बात का पता नही हो, उस पर बात करने का मतलब नहीं है।
गौरतलब है कि गुरुवार से ही उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीना दो दिवसीय दौरे पर विधानसभा क्षेत्र में आए हुए हैं। देवली में एक कार्यक्रम में शुक्रवार को मीना ने शिरकत की है। उन्होंने सीएम गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रहे राजनीतिक द्वंद को लेकर अपने मन की बात कहीं है। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में कई तरह कयास लगाए जा रहे हैं। अधिकांश लोग उनके इस बयान को वर्तमान परिपेक्ष में दोनों ही नेताओं से संतुष्ट नहीं होने के रूप में देख रहे है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो रही देरी पर उनकी नाराजगी साफ देखी गई है।
अधूरी पेयजल परियोजना को बताया सरकार की लापरवाही
विधायक हरीश चंद्र मीना ने कहा कि डूब क्षेत्र के लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए 2015 में 14 करोड़ रुपए की बघेरा-बडला-डाबर कला पेयजल योजना शुरू की गई थी। जो 5 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी। सरकारी की लेटलतीफी इस बात का प्रमाण है कि इस योजना को 15 महीने में पूरा होना था, वह पांच साल में भी पूरी नहीं हुई हैं। जिसका खामियाजा आमजन को जल संकट के साथ भुगतना पड़ रहा है। संबंधित ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की गई और नहीं ठेका निरस्त हुआ।
एमएलए मीना ने आरोप लगाया कि यह ठेका पीएचईडी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर के बेटे का बताया जा रहा है। इस लिफ्ट परियोजना से 8 गांव व 12 ढाणियों में जलापूर्ति होनी है। इसे लेकर 24 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा। विधानसभा में इसका मुद्दा उठाया, लेकिन हर जगह से केवल आश्वासन मिला। जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता ने ही अपने निरीक्षण के बाद ठेकेदार को नोटिस जारी कर कहा कि जहां योजना की प्रगति 37 प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन केवल 0 प्रतिशत परियोजना की प्रगति हुई है।
इससे पहले विधायक ने सर्किट हाउस के हॉल में जनसुनवाई की। लोगों ने बारी-बारी से अपनी समस्याएं बताई। देवली के यूनानी अस्पताल के लिए भूमि आवंटन का मुद्दा भी सामने आया। जनसुनवाई के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष रतनलाल हाडा, पालिका अध्यक्ष नेमीचंद जैन, सुरेंद्र सिंह राणावत, उपप्रधान महादेव मीणा, आकाश कंछल, नीरज शर्मा, सहित एडि. एसपी दीपक मीणा, तहसीलदार ममता यादव, एसीबीईओ राजीव शर्मा, एसआई सियाराम, पीडब्ल्यूडी अनिल वर्मा आदि उपस्थित रहे।