बिहार के 81.32 प्रतिशत लोगों की राय में प्रधानमंत्री मोदी को 14 अप्रैल के बाद भी लाॅकडाउन जारी रखना चाहिए
11 अप्रैल 2020 बिहार के 81.32 प्रतिशत लोगों का कहना है कि 14 अप्रैल के बाद भी लाॅकडाउन जारी रहना चाहिए। पब्लिक ऐप द्वारा किए गए पब्लिक की राय पोल में जनता का यह मत सामने आया है। पब्लिक ऐप भारत का सबसे बड़ा लोकेशन आधारित सोशल मीडिया ऐप है और यह सर्वेक्षण वैश्विक बाजार अनुसंधान फर्म आईपीएसओएस के सहयोग से किया गया है। 86.46 प्रतिशत से अधिक लोगों का यह भी कहना था कि ताली बजाने और दिये जलाने जैसी गतिविधियां प्रत्येक रविवार की जानी चाहिए, उनका मानना है कि इससे देशवासियों को प्रेरणा मिलेगी और एकता बढ़ेगी। ऐसी खबरें आई थीं कि कई विशेषज्ञों व राज्य सरकारों के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से लाॅकडाउन जारी रखने का आग्रह किया है। लाॅकडाउन विस्तार के 56.97 प्रतिशत समर्थकों ने कहा की इसे 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाना चाहिए, 21.38 प्रतिशत लोग 15 मई तक और 21.65 प्रतिशत 30 मई तक बढ़ाए जाने के पक्ष में थे। 15.28 प्रतिशत लोगों की राय थी कि लाॅकडाउन को नहीं बढ़ाया जाना चाहिए और 3.40 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनकी कोई राय नहीं थी।
पब्लिक ऐप के इस पोल में 2 लाख से ज्यादा भारतीयों ने भाग लिया, भारत में इस ऐप के 2.50 करोड़ से अधिक प्रयोक्ता हैं। यह पोल बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में किया गया। पोल के समग्र नतीजों के मुताबिक 81 प्रतिशत लोग इस मत के हैं कि 14 अप्रैल के बाद भी लाॅकडाउन जारी रहना चाहिए तथा 86 प्रतिशत लोगों का कहना था कि राष्ट्रीय एकता एवं प्रोत्साहन वृद्धि के लिए प्रत्येक रविवार को शहरों में कुछ गतिविधि होनी चाहिए। 56 प्रतिशत लोगों की राय है कि लाॅकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ना चाहिए, 21 प्रतिशत लोग 15 मई और 23 प्रतिशत लोग 30 मई तक लाॅकडाउन को बढ़ाए जाने के हक में हैं।
पब्लिक ऐप अपने प्रयोक्ताओं को कारोनावायरस के बारे में स्थानीय स्तर पर सत्यापित और रियल-टाइम अपडेट दे रहा है तथा उन्हें यह सुविधा भी दे रहा है कि उनके आसपास क्या घट रहा है उसे रिकाॅर्ड एवं साझा कर सकें। स्थानीय राजनेता और सरकारी अधिकारी भी इसका इस्तेमाल अपने क्षेत्र में कोविड19 के बारे में जानकारी मुहैया कराने हेतु कर रहे हैं। इस तरह से जन समुदाय में अफवाहों को खत्म करने, फेक न्यूज़ को रोकने और घबराहट को दूर करने में भी सहायता मिल रही है।