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इंस्टग्राम की नई पॉलिसी:संदेह होने पर कंपनी यूजर से मांग सकती है सरकारी आईडी प्रूफ, नहीं दिखा पाए तो हो सकता है अकाउंट बंद

फेसबुक के तर्ज पर अब इंस्टाग्राम भी अपने प्लेटफार्म की सुरक्षा को लेकर गंभीर होती दिखाई दे रही है। कंपनी प्लेटफार्म पर मौजूद ऐसे बॉट्स और अकाउंट्स पर सख्त कदम उठाने जा रही है, जो संदेहास्पद है। प्लेटफार्म पर संदेहास्पद गतिविधि लगने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जल्द ही ऐसे यूजर्स से उनकी पहचान सत्यापित करने के लिए कह सकती है।

हर यूजर्स को प्रभावित नहीं करेगी ये नई पॉलिसी
इंस्टाग्राम ने कहा है कि उसकी नई नीति अधिकांश उपयोगकर्ताओं को प्रभावित नहीं करने वाली है, लेकिन यह सिर्फ संदिग्ध अकाउंट को टार्गेट करेगी। उन्होंने एक बयान में बताया कि इसमें संभावित रूप से अमानवीय व्यवहार में लगे हुए अकाउंट्स को शामिल किया जाएगा हैं या जब ऐसे अकाउंट्स जिनके ज्यादातर फॉलोअर्स किसी दूसरे देशों के हो या अगर अकाउंट के बॉट अकाउंट्स की तरह संचालित होने के संकेत मिलें।

फेसबुक भी सुरक्षा को लेकर इस तरह का कदम उठा चुकी है
नए नियमों के तहत, इन संदिग्ध अकाउंट होल्डर्स को एक सरकारी आईडी सबमिट करके अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए कहा जाएगा। यदि वे पालन करने में विफल रहते हैं, तो इंस्टाग्राम फीड पर उनके पोस्ट को डाउन-रैंक कर देगा या उनके अकाउंट को पूरी तरह से डिसेबल कर देगा। फेसबुक में भी इसी तरह ही एक पॉलिसी लागू की है, जिसमें यूजर्स को कोई पॉपुलर पेज चलाने के लिए अपनी पहचान सत्यापित करानी होती है।

2016 में इलेक्शन कैंपेन के लिए सबसे प्रभावी टूल माना गया था इंस्टाग्राम
इंस्टाग्राम ने विशेष रूप से अपने प्लेटफॉर्म को चुनावी मध्यस्थता के लिए इस्तेमाल न करने से रोकने के लिए पर्याप्त रूप से जांच का सामना किया है। एंडगैजेट के अनुसार, 2016 में रूसी चुनाव हस्तक्षेप पर सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की एक रिपोर्ट ने इंस्टाग्राम को IRA द्वारा अपने इंफॉर्मेशन ऑपरेशन्स कैंपेन को संचालित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे प्रभावी टूल उपकरण पाया।

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