राजस्थान उच्च शिक्षा आयोग पाठ्यक्रम से लेकर संस्थानों में भर्तियों पर रखेगा नजर, 5 साल के लिए सरकार करेगी नियुक्ति
जयपुर प्रदेश में उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा के निजी शिक्षण संस्थानाें में फीस निर्धारण और अन्य समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य शिक्षा नियामक प्राधिकरण के गठन की भी घाेषणा की। इसकाे लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने प्रपोजल तैयार कर लिया है, जिसके अनुसार राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा आयाेग (आरएसएचईसी) राज्य पर क्षेत्रीय अधिकार के साथ उच्च शिक्षा के विनियमन के लिए सर्वाेच्च नियामक के रूप में काम करेगा।
उसके अधीन कार्यों के लिए पांच स्वतंत्र संस्थाएं भी बनाई जा सकती है। यह शिक्षा की उच्चतम गुणवत्ता, विद्यार्थियाें के समग्र काैशल, क्षमता का विकास और समुचित प्रशिक्षण काे सुनिश्चित करेगा। राजस्थानी भाषाओं, कला और संस्कृति में राजस्थान केंद्रित शैक्षिक कार्यक्रम शुरू करेगा।
प्लान के अनुसार इसमें 5 साल के लिए चेयरमैन की नियुक्ति हाेगी, जाे राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। पांच सदस्य हाेंगे जाे 5 साल के लिए नियुक्त हाेंगे। एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हाेगा। उच्च शिक्षण संस्थानाें के लिए रेगूलेशंस, रूल्स गाइडलाइंस तैयार करने से लेकर प्राइवेट काॅलेज, यूनिवर्सिटी के लिए भी परफाॅर्मेंस रिव्यू और नियंत्रण का काम किया जाएगा।
विभाग ने प्रपोजल भेज दिया, शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा
- विभाग ने प्रपोजल बनाकर भेज दिया है। छात्रों के हितों को देखते हुए जल्द सक्षम स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। -भंवर सिंह भाटी, उच्च शिक्षा मंत्री
आयाेग की सहायता के लिए उसके अधीन विशिष्ट उद्देश्याें और कार्यों के लिए बनाई गई 5 स्वतंत्र संस्थाएं भी हाे सकती हैं
1. राजस्थान उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम नियामक परिषद शिक्षक शिक्षा, चिकित्सा, कानूनी शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रमाें के लिए यह परिषद काम करेगा। प्रदेश में सभी पाठ्यक्रमाें के शैक्षिक घटकाें के पाठ्यक्रम काे डिजाइन, विकसित, निगरानी, समीक्षा और सुधार करेगी। पाठ्यक्रम में एकरूपता, मूल्यांकन, गुणवत्ता व माॅनिटरिंग देखेगी।
2. राजस्थान उच्च शिक्षा सेवा आयाेग सभी राज्य-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और उनसे जुड़े कॉलेज या संस्थान के शैक्षणिक, प्रशासनिक और तकनीकी कर्मचारियों के लिए एकल बिंदु भर्ती निकाय के रूप में कार्य करेगा।
3. राजस्थान उच्च शिक्षा नियामक परिषद-शिक्षक शिक्षा, चिकित्सा और कानूनी शिक्षा सहित उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक सामान्य, एकल बिंदु नियामक के रूप में कार्य करेगा। इसके पास समिति द्वारा निरीक्षण कराने और राज्य के बेहतर हित में सभी संबंधितों को न्याय सुनिश्चित करने, सभी हितधारकों से सुनवाई आयोजित करने सहित अन्य विषयों पर निर्णय का अधिकार होगा।
4. राजस्थान उच्च शिक्षा प्रत्यापन परिषद राज्य में सभी उच्च शिक्षण संस्थानाें में गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए मानदंडों और मानकों के एक सेट के आधार पर, प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को एक राज्य रैंकिंग प्रदान की जाएगी। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अगले 15 वर्ष की अपनी विकास योजना से अवगत कराना हाेगा।
5. राजस्थान उच्च शिक्षा परीक्षण एजेंसी पांचवी वर्टिकल एजेंसी होगी, जो उच्च गुणवत्ता वाली सामान्य अभिरुचि का परीक्षण, ऑनलाइन सतत मूल्यांकन का काम करेगी। साथ ही विज्ञान, मानविकी, भाषा, कला और व्यावसायिक विषयों में विशिष्ट सामान्य विषय की कम से कम हर साल दो बार परीक्षा लेने का काम भी करेगी।