मदर नवजात शिशु चिकित्सा इकाई:एमएनसीयू बनकर तैयार, शिशु-माताएं एक साथ भर्ती रह सकेंगी
टोंक जनाना अस्पताल में संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) के अटैच में ही माता व शिशुओं के साथ साथ भर्ती रहने के लिए मदर नवजात शिशु चिकित्सा इकाई बनकर तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसकी शुरुआत होगी। इस पर 3 करोड़ 13 लाख 20 हजार रुपए की लागत आई है। जनाना अस्पताल प्रभारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद परवेरिया ने बताया कि जल्द ही यूनिट शुरू की जाएगी। इससे शिशुओं का माताओं को लाभ मिलने लगेगा।
समय से पूर्व व कमजोर नवजात के उपचार के लिए जनाना अस्पताल में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई संचालित है। इसमें नवजात को भर्ती कर उपचार किया जाता है। इस दौरान नवजात की माताओं को दूसरे कमरे मे प्रतीक्षा करनी पड़ती है। ऐसे में नवजात समेत माताओं को साथ साथ भर्ती किए जाने के लिए अलग से वार्ड की कमी महसूस की जा रही थी। सरकार की ओर से परियोजना निदेशक ने 3.13 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत किए जाने के बाद इस यूनिट का निर्माण कराया गया है। इसमें 20 बेड की क्षमता है। इसमें शिशुओं के उपचार के साथ साथ माताएं भी भर्ती रह सकेगी। उक्त यूनिट में समान्य बीमारियों से ग्रसित जन्म से 28 दिन तक के शिशुओं को भर्ती किया जा सकेगा।