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पायलट समर्थक विधायक के इस्तीफे पर अटका फैसला:18 मई को विधानसभा स्पीकर को भेजा था इस्तीफा, हेमाराम बोले- फैसला स्पीकर के हाथ

जयपुर सचिन पायलट समर्थक विधायक और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी के मई में दिए इस्तीफे पर अब तक फैसला नहीं हुआ है। विधानसभा स्पीकर के स्तर पर फैसला अटका हुआ है। हेमाराम चौधरी ने अपने क्षेत्र के विकास से भेदभाव होने और सुनवाई नहीं होने से नाराज होकर 18 मई को विधानसभा स्पीकर को इस्तीफा भेजा था। तब से लेकर हेमाराम के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। जानकारों के मुताबिक अब यह इस्तीफा स्पीकर के पास स्थायी रूप से ही लंबित रह सकता है। विधानसभा स्पीकर ने हेमाराम चौधरी का इस्तीफा मिलने के बाद उन्हें लॉकडाउन हटने के सात दिन के भीतर पेश होने को कहा था। लॉकडाउन हटने के बाद हेमाराम चौधरी विधानसभा में पेश होने गए तो मोडिफायड लॉकडाउन का हवाला देकर लॉकडाउन पूरी तरह हटने के बाद आने को कहा। अब प्रदेश में पूरी तरह लॉकडाउन हट चुका है, लेकिन हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर स्पीकर ने कोई आगे एक्शन नहीं लिया है।

हेमाराम बोले- मैं तो इस्तीफा दे चुका
हेमाराम चौधरी ने कहा- मैं स्पीकर को इस्तीफा भेज चुका हूं, अब स्पीकर को फैसला करना है। स्पीकर के यहां सुनवाई का इंतजार है।

राजकीय उपक्रम समिति के अध्यक्ष

इस्तीफा देने के बाद हेमाराम चौधरी को विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति का अध्यक्ष बनाया गया। लंबे समय से उस समिति की बैठक भी नहीं हुई है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ राजकीय उपक्रम समिति की बैठक बुलाने की मांग कर चुके हैं।

तेवर नरम पड़े
हेमाराम चौधरी के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल शुरू किया था। इसके बाद उनके इलाके में बिजली के ग्रिड सब स्टेशन मंजूर किए गए। सीएसआर फंड पर भी सहमति बनी। प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हेमाराम से बात करके उनकी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया था। पिछले कई महीनों से हेमाराम के तेवर भी नरम हैं।

हेमाराम की दावेदारी
हेमाराम चौधरी कांग्रेस सरकार बनने के समय से ही नाराज चल रहे थे। पिछले कार्यकाल में उन्हें राजस्व मंत्री बनाया गया था। इस बार बाड़मेर जिले से हरीश चौधरी को मंत्री बना दिया। हेमाराम चौधरी मंत्री नहीं बनाने के अलावा अपने इलाके में काम नहीं होने से नाराज हैं। अब सियासी हालात बदल गए हैं। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब प्रभारी बना दिया गया है। एक व्यक्ति एक पद के आधार पर हरीश चौधरी मंत्री पद से हटेंगे तो हेमाराम चौधरी उनकी जगह मंत्री बनने के दावेदार हैं। हेमाराम के तेवर नरम होने के पीछे इसे भी एक कारण माना जा रहा है।

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