नागौर में सबसे ज्यादा 433.65 करोड़ का बकाया:वसूली और छीजत कम करने के लिए डिस्कॉम MD खुद करेंगे नागौर जिले की मॉनिटरिंग
नागौर बिजली चोरों पर लगाम और इस साल राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल करने के लिए अजमेर डिस्कॉम ने अपने सबसे सीनियर ऑफिसर्स को कमान सौंपी है। डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक वीएस भाटी खुद सबसे ज्यादा बिजली चोरी, छीजत और राजस्व बकाया वाले नागौर जिले की कमान संभालेंगे।
नागौर सर्किल में उपभोक्ताओं पर 433.65 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। वहीं सम्पूर्ण अजमेर निगम क्षेत्र में उपभोक्ताओं पर कुल 1398.99 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। इनकी वसूली और छीजत को कम करने के लिए ये विशेष अभियान चलाया जा रहा है। निगम के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को भी टारगेट देकर बिजली चोरी की दृष्टि से हाई सेंसेटिव इलाकों को चिन्हित कर रेड करने और आदतन बिजली चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रबन्ध निदेशक वीएस भाटी ने बताया कि अजमेर डिस्कॉम ने इस वित्तीय वर्ष में 102 प्रतिशत राजस्व और 11 प्रतिशत से कम बिजली छीजत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए डिस्कॉम ने अभी से अपनी कमर कस ली है। उन्होंने बताया कि सभी वरिष्ठ अधिकारियों में से प्रत्येक को एक-एक सर्किल दे दिया गया है। उस सर्किल पर राजस्व वसूली और छीजत को कम करने की जिम्मेदारी संबंधित वरिष्ठ अधिकारी की रहेगी। अगर कोई भी वरिष्ठ अधिकारी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में असफल होता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ये संभालेंगे यहां की कमान
नागौर सर्किल का प्रभार प्रबन्ध निदेशक खुद संभालेंगे। उनके अतिरिक्त निदेशक (वित्त) एम के गोयल को सीकर, निदेशक तकनीकी को उदयपुर, मुख्य लेखा नियंत्रक को राजसमंद, संभागीय मुख्य अभियंता (उदयपुर) को बांसवाड़ा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (एम एंड पी) को चित्तौड़गढ़, संभागीय मुख्य अभियंता (झुंझुनूं) को झुंझुनूं, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (मुख्यालय) को अजमेर शहर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट) को भीलवाड़ा, मुख्य लेखाधिकारी (आंतरिक अंकेक्षण) को प्रतापगढ़, मुख्य लेखाधिकारी (संस्थापन एवं रोकड़) को अजमेर जिला एवं मुख्य लेखाधिकारी (एमएम) को डूंगरपुर सर्किल का प्रभार दिया गया है।
यह है बकाया
अजमेर जिला सर्किल में उपभोक्ताओं पर 40 करोड़, भीलवाड़ा सर्किल में उपभोक्ताओं पर 51.06 करोड़, नागौर सर्किल में उपभोक्ताओं पर 433.65 करोड़, अजमेर शहर सर्किल में उपभोक्ताओं पर 32.75 करोड़, सीकर सर्किल में उपभोक्ताओं से 103.02 करोड़, झुंझुनूं सर्किल में उपभोक्ताओं पर 126.16 करोड़, उदयपुर सर्किल में उपभोक्ताओं पर 141.10 करोड़, राजसमंद सर्किल में उपभोक्ताओं पर 59.38 करोड़, बांसवाड़ा सर्किल में उपभोक्ताओं पर 118.40 करोड़, चित्तौड़गढ़ सर्किल में उपभोक्ताओं पर 200.02 करोड़, डूंगरपुर सर्किल में उपभोक्ताओं पर 27.35 करोड़ और प्रतापगढ़ सर्किल में उपभोक्ताओं पर 66.09 करोड़ रुपए बकाया है।