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वन मंत्री बोले- पायलट ने पद नहीं मांगा:सचिन पायलट तो कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम रहे हैं

बाड़मेर वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी अपने गृह जिले के दौरे पर हैं। मंत्री ने कहा कि जो विभाग मुझे मिला है वह बहुत चुनौती पूर्ण है। लेकिन फिर भी मेरा प्रयास रहेगा कि इस चुनौती पूर्ण काम को ठीक ढंग से कर पाऊं। यह विभाग इंसानों के जीवन से जुड़ा हुआ विभाग है। प्रदूषण को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाने पड़ेंगे। जो लोग और फैक्ट्रियां इस प्रदूषण को फैला रहे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।

पायलट ने पद नहीं मांगा

मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट ने पद नहीं मांगा। पायलट तो कांग्रेस की मजबूती के लिए काम कर रहे है। पिछली बार जब पायलट को पीसीसी चीफ बनाया गया था। उन्होंने जो मेहनत की वो सबके सामने है। बाड़मेर में भी ढाणी-ढाणी, गांव-गांव गये थे। चौहटन इलाके की ढाणी में रात को सो गए थे। उस समय जब सांचोर में बाढ आई थी तब भी एक सप्ताह तक तीन-रात लगे रहे थे। मेरे को वहां पर साथ लेकर गए थे। उस समय राजस्थान में कांग्रेस के 21 विधायक थे। उसके बाद कांग्रेस को सत्ता में लाए। अब तो हाईकमान को तय करना है कि सचिन पायलट का किस प्रकार से उपयोग करना है और सही ढंग से उपयोग करने पर राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी।

मंत्री सबका का होता है

अन्य पार्टियों के नेताओं के स्वागत करने के सवाल पर हेमाराम चौधरी ने कहा सता में आने के बाद कामकाज की उम्मीद लोग सरकार के मंत्री से ही रखते है। उन लोगों को मेरे से उम्मीद है कि हमारे कामकाज में मंत्री मदद करेंगे। मेरा फर्ज और धर्म भी बनता है कि कोई व्यक्ति चाहे किसी भी पार्टी में है जायज और वाजिब काम है तो उसका काम करूं। मैं 1980 में पहली बार विधायक बना तब से मैंने कभी भेदभाव नहीं रखा। सही व वाजिब काम को मैंने हमेशा से किया है। चाहे किसी व्यक्ति ने मुझे वोट दिया है या नहीं दिया है।

अब की राजनीति में बहुत बदलाव आया

हेमाराम चौधरी ने कहा कि 1980 मैंने चुनाव लड़ा था। उस समय चुनावों में दो गाडियां लगाई उसके बाद के चुनाव में 5 गाड़ियां लगाई। अब तो जितनी गाडियां लगाई जाए उतनी कम है। अब चुनाव में कितनी गाड़ियां चलती है यह भी पता नहीं रहता है। पहले में अब में काम के तरीके में भी बदलाव आ गया है। अब राजनीति में लोग पैसा इन्वेस्ट कर रहे है जब राजनीति बिजनेस का रूप ले लेगी तो राजनीति का हाल बहुत ही बुरा होगा। जो प्रजातंत्र शुरू में था वैसा अब नहीं रहा है। आज पंचायती राज के चुनावों में किस तरीके से पैसा चलता है। यह सबको पता है। पहले ऐसी बात सुनने को भी नहीं मिलती थी। मेरे पहले चुनाव में मुश्किल से 70 हजार रुपए खर्चे हुए थे। आज कितना पैसा खर्चे हो रहे है इसकी सीमा भी नहीं है।

पहली बैठक में रखे घोषणा-पत्र के मुद्दे

मंत्री ने कहा कि 2018 विधानसभा चुनाव लड़ा था तब हमने घोषणा-पत्र भी जारी कर लोगों से वादे किए थे। घोषणा-पत्र किए गए कुछ वादे पूरे हो गए, उसमे से महत्वपूर्ण वादा संविदाकर्मियों को नियमितीकरण का पूरा नहीं हुआ है। कैबिनेट की पहली बैठक में यह मुद्दा रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका हल जल्द निकालेंगे। मुझे उम्मीद है कि संविदाकर्मियों को जल्द नियमितीकरण कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि रबी की सीजन चल रही है। किसानों के कृषि कनेक्शन को लेकर डिमांड राशि भरी हुई है। लेकिन किसानों को बिजली का सामान नहीं मिल रहा है। रबी सीजन में बिना बिजली एक दिन भी निकालना भारी पड़ रहा है। यह बात भी बैठक में सीएम के सामने रखी थी।

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