राजस्थान में प्रशासन गांवों के संग अभियान:नंबर 1 पर अलवर और बाड़मेर, जोधपुर और जयपुर दूसरे नंबर पर तो तीसरे स्थान पर सबसे लास्ट में शुरू हुआ उदयपुर
उदयपुर राजस्थान में राज्य सरकार के प्रशासन गांवों के संग अभियान में जन समस्याओं के समाधान और आम जनता के जरूरी सरकारी कार्यो को निपटाने के लिए उदयपुर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। विधानसभा उप चुनाव की आचार संहिता के चलते उदयपुर में करीब 1 महीने से अभियान देरी से शुरू होने के बावजूद उदयपुर में 11 शिविर पूरे हो चुके हैं। वही 15-15 शिविर पूरे कर चुका अलवर और बाड़मेर जिला पहले स्थान पर है। खास बात यह है कि जयपुर और जोधपुर जैसे बड़े और जिले भी अब तक 12-12 शिविर ही पूरे कर पाए हैं। इन दोनों जिलों की रैंकिग भी दूसरे नंबर पर है।
उदयपुर ने अलग-अलग 11 स्थानों पर शिविरों का आयोजन कर तीसरा स्थान हासिल किया है। जानकर इसे समय और भौगोलिक स्थिति के अनुरूप सही मान रहे हैं। दरअसल राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर को प्रशासन गांवों के संग अभियान का आगाज किया लेकिन उदयपुर में वल्लभनगर विधानसभा में उपचुनाव के चलते करीब 1 महीने की देरी से अभियान शुरू हो पाया। 5 नवंबर के बाद शुरू हुए इस अभियान में 11 शिविरों में उदयपुर 22 विभागों ने एक ही छत के नीचे 1 लाख 68734 लोगों के 4 लाख 584 प्रकरणों का निस्तारण किया है।

6 अक्टूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक अब तक नौ शिविर लगाकर बांसवाड़ा जिला चौथे स्थान पर है तो वहीं आठ शिविर पूरे कर पांचवे स्थान पर बीकानेर, झुंझुनू, पाली जिले रहे हैं। सात शिविर के साथ अजमेर भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़ हनुमानगढ़ और नागौर छठे स्थान पर, तो 6 शिविरों के साथ-साथ 7 वें स्थान पर भरतपुर, चूरू, धौलपुर, राजसमंद और टोंक जिले हैं।
इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में 5 और उससे कम शिविर लगे हैं जिसमें सिरोही जिले में मात्र 2 शिविर अब तक लगे हैं वही आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते कोटा, करौली, श्रीगंगानगर और बारां में शिविरों का आयोजन स्थगित किया गया है।
उदयपुर संभाग के जिलों की स्थिति की बात की जाए तो सबसे बड़ा उदयपुर जिला तीसरे स्थान पर है। चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर 7वें स्थान पर, प्रतापगढ़ 5वें, राजसमंद 6वें और बांसवाड़ा 9वें स्थान पर है।