Wed. Apr 30th, 2025

जोधपुर में काम पर लौटे रेजिडेंट:पटरी पर आई चिकित्सा व्यवस्था, ओपीडी भी पहले की तरह नजर आने लगी

जोधपुर रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल खतम होने से चिकित्सा व्यवस्था फिर से पटरी पर लौट आई है। आज गुरुवार को अस्पतालों में पहले कि तरह फिर से ओपीडी में मरीजों की भीड़ नजर आई। 28 नवम्बर से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे थे। ऐसे में डॉ एस एन मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई थी। हड़ताल के चलते ओपीडी में मरीज आधे से कम रह गए थे। इधर इमरजेंसी में भी काम प्रभावित हुआ। ऑपरेशन भी टाले गए। लेकिन कल रात हड़ताल खतम होने के साथ ही रेजिडेंट काम पर लौट गए। आज सुबह अस्पतालों में ओपीडी भी पहले की तरह नजर आने लगी।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर संदीप देवात ने बताया कि सरकार के साथ तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही। और सभी 8 सुत्रीय माँगो पर सहमति बनी।आल राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ सभी माँगो पर अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ वीर बहादुर सिंह की मध्यस्थता में समझौता पत्र तैयार हुआ था। जिस पर सभी रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के पधाधिकारियों की उपस्थिति में प्रिंसिपल सेक्रटरी वैभव गलरिया की निवास पर 7 दिसम्बर को देर रात समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए।8 दिसम्बर को देर रात से हड़ताल समाप्ति की घोषणा की और सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स काम पर लौटे।

यह थे कारण

बता दे कि रेजिडेंट के हड़ताल का मुख्य कारण नीट काउंसिलिंग में देरी रहा। कोरोना के चलते नीट पीजी की परीक्षा करीब 8 माह की देरी से हुई। इस दौरान अंतिम वर्ष के रिजल्ट डॉक्टर पास आउट कर चले गए। लेकिन प्रथम वर्ष के लिए नए रिजल्ट काउंसलिंग अटक जाने से नहीं आए। इस कारण से द्वितीय वर्ष व अंतिम वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टर कार्य भार बढ गया। जबकि वे बड़े ऑपरेशन सहित अन्य काम करते हैं। मौजूद अंतिम वर्ष के रेजीडेंट का एक साल भी जल्द खत्म हो रहा है और वे ज्यादातर समय वार्ड के कामों में ही उलझे रहे उन्हें उनके स्तर का कार्य अनुभव नहीं मिल पा रहा था।

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