सुविधा:3 वेयरहाउस, 6 प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 8 करोड़ मंजूर
सिरोही एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत सिरोही जिले में 3 वेयरहाउस और 6 प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 8.01 करोड़ रुपए स्वीकृति मिली है। देश में खेती से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट वगैरह के अभाव को देखते हुए इस फंड की शुरुआत 2020 में हुई थी। इस फंड के तहत किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक के ऋण की व्यवस्था की गई है।
इस योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से मध्यम-अवधि यानी मीडियम और लंबी-अवधि यानी लॉन्ग टर्म की फाइनेंस सुविधा अर्थात कर्ज मुहैया कराया जाएगा। इस योजना में 3 फीसदी प्रति वर्ष की कर्ज माफी तथा दो करोड़ रुपए तक कर्ज के लिए सीजीटी एमएसई स्कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज भी मिलेगा।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार मीना ने बताया कि ये फंड कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई-प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों के निर्माण के लिए प्राप्त किया जा सकता है।
ऐसे प्राप्त किया जा सकता है ये फंड
प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी समेत बैंक और वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक कृषि कर्ज सोसाइटियों, किसानों, मार्केटिंग सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त जवाबदेही समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप्स और केन्द्रीय/राज्य एजेंसियों या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्थानीय निकायों को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तपोषण मुहैया कराया जाएगा।
इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए ही फंड के लिए आवेदन किया जा सकेगा। साथ ही एमआईएस के ज़रिए ही राष्ट्रीय, राज्य और जिले के स्तर पर दिए गए फंड की मॉनिटरिंग होगी ताकि किसी भी फ्रॉड से बचा जा सके और सुपात्र किसान ही इसका लाभ उठा सकें।
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का दायरा बढ़ाया
सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का दायरा भी बढ़ाया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत जो 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड दिया गया था। अब इसका इस्तेमाल कृषि उपज मंडियां भी कर सकती हैं। राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्तर की जो कोऑपरेटिव या स्व-सहायता फेडरेशन है वो भी इसकी पात्रता की सूची में शामिल होंगी। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर अभी तक ये प्रावधान था कि अगर कोई व्यक्ति, संस्था, समिति, एफपीओ या एग्री-स्टार्टअप, किसानों का समूह अगर संरचना बनाएंगे तो 2 करोड़ रुपए तक का लोन और 3 प्रतिशत ब्याज की छूट होगी।