दो अवसर देने के बाद फोरेंसिक लैब ने नहीं दी डीएनए रिपोर्ट, हाईकोर्ट ने दी जमानत
डीजीपी को ऑर्डर की कॉपी भेजने के आदेश, कहा जमानत दिलाने के लिए लेबोरेट्री जिम्मेदार
ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने फोरेंसिक साइंस लैब को डीएनए रिपोर्ट देने के लिए दो अवसर देने के बाद भी जब रिपोर्ट नहीं सौंपी तब दुष्कर्म के एक आरोपी को जमानत देते हुए इसके लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री को जिम्मेदार माना है। इसके साथ ही न्यायालय ने डीजीपी भोपाल को ऑर्डर की कॉपी भेजे जाने के निर्देश देते हुए कहा है वे परिस्थितियों को देखें।
गुना जिले के कुंभराज थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में आरोपी राजेंद्र सिंह के आवेदन पर हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश दिया है। पुलिस ने 16 मई 2021 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पहली जमानत याचिका उसकी खारिज हो गई थी। जब पीड़िता की गवाही हुई तो बयानों से पलट गई। उसने घटना की पुष्टि नहीं की। आरोपित की ओर से तर्क दिया गया कि पीड़िता बयानों से पलट गई है और डीएनए रिपोर्ट नहीं आई हैं। कोर्ट ने 8 नवंबर व 22 नवंबर को डीएनए रिपोर्ट पेश करने का मौका दियाए लेकिन डीएनए रिपोर्ट नहीं आई। भोपाल व सागर लैब की स्थिति को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि लैब की दया पर किसी को लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकते हैं। इसलिए इस मामले को डीजीपी खुद देंखें। पुलिस अधीक्षक गुना आदेश की कापी डीजीपी को भेजें।