विराट कोहली की बल्लेबाजी में सबसे बड़ी बाधा क्या है जिससे वो खराब फार्म में हैं, मांजरेकर ने बताया
विराट कोहली पीठ में खिंचाव की वजह से साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से बाहर हो गए। हालांकि उम्मीद ये की जा रही थी कि इस टेस्ट मैच में वो अपने शतकों का सूखा खत्म कर सकते हैं क्योंकि जोहानसबर्ग में विराट का रिकार्ड अच्छा रहा है। विराट कोहली ने साल 2020 और 2021 में एक भी शतक नहीं लगाया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट मैच में भी वो ज्यादा अच्छी फार्म में नजर नहीं आए थे और दोनों पारियों में 35 व 18 रन की पारी खेली थी। वहीं इन दोनों पारियों में वो आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को छेड़ते हुए आउट हुए थे। पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर भी विराट कोहली कुछ ऐसा ही करते दिखे थे और अपना विकेट गंवा रहे थे।
अब टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने विराट कोहली को रही इस परेशानी को लेकर उन्हें अहम सुझाव दिया। मांजरेकर ने कहा कि कोई भी बल्लेबाज जो इस तरह के खराब दौर से गुजर रहा होता है वो फिर अपना आत्मविश्वास खोने लगता है और भ्रमित हो जाता है। मुझे यकीन है कि आफ साइड के बाहर जाती गेंदों को छोड़ने को लेकर कोहली को बहुत सारी सलाह मिल रही होगी, लेकिन कोहली यही सोच रहे होंगे कि अगर वो उन गेंदों को छोड़ना शुरू कर दें तो फिर मुझे रन कहां से मिलेंगे क्योंकि कवर ड्राइव उनके मुख्य शाट में से एक है।
मांजरेकर ने उनकी बल्लेबाजी पर बात करते हुए आगे कहा कि कुछ ऐसा जो मैंने पिछले डेढ़ साल में नोटिस किया है वो एक ऐसी तकनीक है जिस पर कोहली ने भरोसा करना शुरू कर दिया है जो आगे बढ़ने और फ्रंट फुट पर आने के बारे में है। उनकी यही सोच और तकनीक की वजह से उन्हें बल्लेबाजी में काफी बाधा आ रही है। मांजरेकर ने कहा कि अब आप न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की पहली पारी में उनके पिछले साल के स्ट्राइक रेट को देखें या फिर साउथ अफ्रीका में पहली पारी में देखें तो ये सिर्फ 30-40 का है। ऐसा सिर्फ इस वजह से है क्योंकि वो सिर्फ फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं।
मांजरेकर ने कोहली को बैकफुट पर खेलना शुरू करने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा लूज गेंद को खोजने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि मैं कोहली को आफ स्टंप के बाहर गेंदों को छोड़ने की सलाह नहीं दूंगा। हो सकता है कि वह केवल एक चीज कर सकता है कि वह थोड़ा बैकफुट पर आना शुरू कर दे अगर वह क्रीज का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है, तो वह पाएगा कि उसे ढेर सारी ढीली गेंदें मिलेंगी। अगर कोहली ऐसा नहीं करते हैं तो इस तरह की पिचों पर लंबे गेंदबाज उन्हें पटककर गेंदबाजी करते रहेंगे और विराट के खिलाफ सफल होते रहेंगे क्योंकि वो सिर्फ फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं।