महामारियों से निपटने को शोध कार्यों में तेजी लाना जरूरी, आइएपीएसएम कान्क्लेव में विशेषज्ञों ने की चर्चा
देहरादून: दून मेडिकल कालेज में 24वां इंडियन एसोसिएशन आफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आइएपीएसएम) कान्क्लेव शुरू किया गया। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से ‘उभरते संक्रमणों से निपटना कोरोना महामारी के समय में स्वस्थ क्षेत्र की चुनौतियां’ विषय पर आयोजित कान्क्लेव में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों के चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने चर्चा की। इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के दौरान सामने आई चुनौतियों पर चर्चा करते हुए भविष्य के लिए शोध कार्यों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया।
कान्क्लेव का उद्घाटन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति डा हेमचंद्र पांडे ने किया। उन्होंने दून मेडिकल कालेज को इस तरह के राष्ट्रीय कान्क्लेव की मेजबानी मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश ने कोविड-19 महामारी का दंश झेला है। पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञों ने महामारी के नियंत्रण को हरसंभव प्रयास किया। इस तरह की महामारियों पर नियंत्रण के लिए भविष्य में भी शोध प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। ताकि समय रहते महामारियों पर नियंत्रण पाया जा सके। आइएपीएसएम के अध्यक्ष डा. हरिवंश चोपड़ा ने कहा कि कोरोनाकाल में इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाना किसी चुनौती से कम नहीं है। नई शोध तकनीक व प्रशिक्षणों के माध्यम से कोरोना महामारी पर नियंत्रण के उपाय पर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला।
दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि मेडिकल कालेज बनने के बाद दून को पहली बार इस तरह के राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित करने का गौरव मिला है। कोरोनाकाल में दून मेडिकल कालेज की ओर से किए गए कार्यों पर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला।
वहीं,कम्युनिटी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. देवब्रत राय ने कहा कि कोविड महामारी को देखते हुए भविष्य में इस प्रकार की महामारियों से निपटने के लिए चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को मिलकर एक ठोस रणनीति के तहत कार्य करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। सम्मेलन में एनएचएम की निदेशक डा. सरोज नैथानी, डा. मनीष कुमार, डा. पुनीत ओहरी, डा. शिव कुमार यादव, डा. अनुपमा आर्य, डा. धीरज गुप्ता, डा. ऋचा सिन्हा, डा. प्रियंका डोभाल, डा. सोनम माहेश्वरी, डा. मधुलिका, डा. देवयानी, डा. हितेश, महादेव गौड़, रविन्द्र बिष्ट आदि भी मौजूद रहे।