जंगल से लगी वन एवं राजस्व विभाग की जमीन का संयुक्त सर्वे टीम ने किया चिह्नित
खटीमा। लोहियाहेड रोड पर जंगल से लगी वन एवं राजस्व विभाग की जमीन को संयुुक्त सर्वे टीम ने चिह्नित कर लिया है। हल्द्वानी से पहुंचे वन विभाग के सर्वेयर ने कब्जे वाली जमीन पर खूंटे गाड़े और दीवार पर निशान लगाए। पिलर-89 तक चिह्नीकरण किया गया।
जंगल की जमीन को कब्जा कर निजी उपयोग में लेने का मामला लंबे समय से सुर्खियों में रहा है। इधर वन विभाग, राजस्व विभाग एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की टीम ने मंगलवार को नापजोख की। वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल ने बताया कि भूमि का चिह्नीकरण कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कब्जे वाली जमीन का नक्शा तैयार कर यह भी पता लगाया जाएगा कि वन विभाग की कितनी जमीन निजी उपयोग में ली जा रही है। सर्वे टीम में अवर अभियंता धीरज कुमार, सर्वेयार गोपाल दत्त उप्रेती, वन दरोगा संतोष भंडारी, राजस्व निरीक्षक गौरव कुमार चौहान, नवनीत चौहान, सर्वेयर सुनीता आर्य, धन सिंह अधिकारी, जागेंद्र वर्मा, वैशाली, संजीव कुमार, सनी कुमार, विवेक कुमार, सतपाल सिंह, जयवीर आदि थे।
अतिक्रमण चिह्नित करने के लिए टीम को करनी पड़ी मशक्कत
खटीमा। लोहियाहेड जंगल सीमा पर हुए अतिक्रमण को चिह्नित करने में वन, राजस्व एवं आरईएस की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। टीम को सीधा मार्ग नहीं मिलने की वजह से खकरा नाले पर अस्थाई पुल बनाकर अतिक्रमण स्थल पर जाना पड़ा।
वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल ने बताया कि सर्वे टीम ने 19 फरवरी को जंगल के अंदर वैकल्पिक पुल बनाया था, जो अतिक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया। टीम को मंगलवार को नाले पर फिर अस्थाई पुल बनाना पड़ा। जंगल के अंदर बनाए गए इस पुल से अतिक्रमण स्थल तक पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी