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चिकित्सा:पंचकर्म चिकित्सा शुरू, आयुर्वेद उप निदेशक ने दी जानकारी

टोंक जिले के अ श्रेणी आयुर्वेद चिकित्सालय आंवा में पंचकर्म चिकित्सा से रोगियों को लाभ पहुंचाने की शुरुआत कर दी गई है। जिला आयुर्वेद उप निदेशक डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि सभी जिले के आयुर्वेद चिकित्सालयों के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि पंचकर्म चिकित्सा को लेकर रोगियों को चिकित्सालय आंवा के लिए रैफर करें। इससे स्वास्थ्य बेहतर बनता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, यह चिकित्सा बढ़ती उम्र को रोकती है। पाचन क्रिया को गतिशील करती है। वरिष्ठ कंपाउंडर रमेश दाधीच बावडी ने बताया कि पंचकर्म आयुर्वेद का एक शरीर शुद्धीकरण उपचार है। पंचकर्म का अर्थ पांच विभिन्न चिकित्साओं का संमिश्रण है।इस प्रक्रिया का प्रयोग शरीर की बीमारियों एवं कुपोषण से छोड़े गए विषैले पदार्थों से शरीर को निर्मल करता है। पंचकर्म चिकित्सा 6 प्रकार की होती है स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन,वस्ति व रक्त मोक्षण।

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