भ्रष्टाचार को समाप्त करने का मूल मंत्र है पारदर्शिता : डा. अशोक

रुड़की : नए विज्ञानियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार की कार्यप्रणाली के बारे में समझाया जाएगा। साथ ही प्रशासन में पारदर्शिता, आरटीआइ अधिनियम एवं नियम, आरटीआइ से जुड़े हुए अधिकारियों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व आदि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा भी की जाएगी।
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की में ‘पारदर्शिता और कार्यालय प्रबंधन-सुशासन की ओर एक कदम’ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के उत्कृष्ट वैज्ञानिक डा. अशोक कुमार ने किया। इस अवसर पर डा. अशोक कुमार ने कहा कि पारदर्शिता भ्रष्टाचार को समाप्त करने का मूल मंत्र है। सुशासन के लिए शासन में पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है। मुख्य विज्ञानी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आर. धर्मराजू ने कहा कि यह कार्यक्रम संस्थान में कार्यभार ग्रहण करने वाले नए विज्ञानियों के लिए भारत सरकार की कार्यप्रणाली को समझने का महत्वपूर्ण अवसर है। बताया कि इस कार्यक्रम में प्रशासन में पारदर्शिता, आरटीआइ अधिनियम एवं नियम, आरटीआइ से जुड़े हुए अधिकारियों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व, कार्यालय में गुणवत्ता प्रबंधन, रिकार्ड अधिनियम तथा रिकार्ड का रखरखाव, कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न, महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण, महिलाओं को कानूनी सहायता तथा संगठन प्रमुख की भूमिका एवं उत्तरदायित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी प्रवेश चंद ने कहा कि प्रशासन में पारदर्शिता बहुत ही अनिवार्य पहलू है। उन्होंने कार्यशाला से संबंधित प्रशासनिक नियमों का भी उल्लेख किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के 55 कार्मिकों ने प्रतिभाग किया। जिनमें संस्थान में हाल ही में कार्यभार ग्रहण करने वाले वैज्ञानिक, प्रशासनिक कार्मिक और कुछ अन्य वैज्ञानिक शामिल रहे। इस अवसर पर कर्नाटक के मैसूर से आए संकाय सदस्य बी योगनाथ सिंह, एसके नेगी, डा. डीपी कानूगगो, डा. अचल मित्तल, आशीष पिप्पल, मेहर सिंह, अर्चना, ममता शर्मा, विनीत सैनी, अमित कुश, विश्वास त्यागी, हरीश कुमार, सक्षम भारद्वाज, अभिनव त्यागी आदि उपस्थित रहे