इंदौर में कोरोनाकाल में स्कूल का पहला दिन:क्रॉस के निशान पर खड़े हुए स्टूडेंट; हाथ, बैग, कपड़े समेत जूतों को भी सैनिटाइज किया गया, चेयर और टेबल के अलावा कुछ भी टच नहीं करना था
मध्य प्रदेश समेत शहर में सीबीएसई के साथ एमपी बोर्ड के निजी और सरकारी स्कूल सोमवार से आंशिक रूप से खुल गए। इसमें केवल डाउट क्लीयरिंग क्लास लगाई जा रही हैं। यहां केवल उन्हीं छात्रों को आने की अनुमति दी गई है, जिनके अभिभावकों ने सहमति दी है। करीब 7 महीने बाद खुले स्कूल में काफी बदलाव दिखाई दिए। सुबह नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और पूरी तरह से सैनिटाइज होकर बच्चे क्लास रूम तक पहुंचे। यहां उन्हें उनकी टेबल चेयर के अलावा कुछ भी टच नहीं करना था। ये बच्चे क्लास में एक मेज छोड़कर बैठे थे। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूलों ने परीक्षा को लेकर भी तैयारियों शुरू कर दी गई हैं।
सहाेदया ग्रुप के शहर में लगभग 40 प्रतिशत स्कूलों ने इसकी तैयारी पहले से ही कर ली थी। सोमवार सुबह दो से तीन घंटे के लिए स्कूलों को डाउट क्लीयरिंग क्लास के लिए खोला गया। इसमें विषयानुसार शिक्षक मौजूद रहे, जिन्होंने छात्रों को पढ़ाई के दौरान होने वाली परेशानियों का समाधान किया। जिन स्कूलाें ने खोले जाने का निर्णय लिया था, उन्होंने छात्रों के स्कूल आने का टाइम टेबल भी निर्धारित कर दिया था। सभी स्कूलों ने अपने हिसाब से अलग-अलग टाइम टेबल निर्धारित किया है। इसके मुताबिक ही छात्रों को एक निर्धारित संख्या में स्कूल आना है। एमपी बोर्ड के निजी और सरकारी स्कूलों में भी केवल डाउट क्लीयरिंग क्लासेस लगीं।
निजी स्कूल में पहुंचे 10 बच्चे, नूतन सरकारी स्कूल में एक भी नहीं आएकैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रभा दिनोदरे ने बताया कि करीब 7 महीने बाद खुले स्कूल में सुबह 10 बच्चे पहुंचे। हम पैरेंट्स को मैसेज भेज रहे हैं। हो सकता है कल से कुछ और बच्चे स्कूल आएं। यहां पर हमने टाइम टेबल के अनुसार उनके डाउट को क्लियर करेंगे। कोरोना के बीच ही हम नए सेशन को शुरू कर रहे हैं। यहां पर, स्कूल के बाहर क्रॉस निशान लगाया गया था। एक गार्ड सैनिटाइज और थर्मल स्क्रीनिंग मशीन लेकर खड़ा था। सभी को चेक करने के बाद भीतर जाने दिया गया। भीतर भी बैग सहित पूरे ऊपर से नीचे तक सैनिटाइज किया गया। इसके बाद दूर से ही सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ।
वहीं, नूतन विद्यालय के प्राचार्य मनोज खोपकर ने बताया कि सुबह 11 बजे से डाउट क्लीयरिंग क्लास लगनी थी। लेकिन एक भी बच्चा अपने परिजनों से सहमति पत्र लेकर स्कूल नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि 9वीं से 12 तक के बच्चों को स्कूल आना था। सभी को ग्रुप पर मैसेज कर दिया गया था। यहां पर 9वीं से 12वीं तक 553 बच्चों ने एडमिशन करवाया है।